ग्रेटर नोएडा के सभी गांवों व सेक्टरों में सोडियम की जगह एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही है। अब तक करीब 21 हजार स्ट्रीट लाइटें लगाई जा चुकी हैं। एक साल में कुल 54 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगनी हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अमनदीप डुली ने प्राधिकरण के विद्युत अभियांत्रिकी सेल के अधिकारियों व सूर्या कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें बताया गया कि ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग गांवों व सेक्टरों को मिलाकर पहले फेज में करीब 21 हजार स्ट्रीट लाइटें लगाकर शुरुआत कर दी गई हैं।
जिन सेक्टरों में स्ट्रीट लाइटें लगाने की शुरुआत की गई हैं, उनमें सेक्टर अल्फा वन, अल्फा टू, बीटा वन, बीटा टू, गामा वन, गामा टू, डेल्टा वन, डेल्टा टू, डेल्टा थ्री, गामा वन, गामा टू, सिग्मा वन, टू, थ्री व फोर, सेक्टर 32, 36 व 37, ओमीक्रॉन वन, टू व थ्री, स्वर्णनगरी, म्यू वन, ज्यू वन व ज्यू टू आदि शामिल हैं। इसी तरह जिन गांवों में स्ट्रीट लाइट लगा दी गई हैं उनमें लुक्सर, खानपुर, गुलिस्तानपुर, इमलियाका, बेगमपुर, लख्नावली, सूरजपुर, नवादा, मिलकलच्छी, नियाना, तुगलपुर, नवोली, साकीपुर, बरसात, हतेवा, चचूला, सादोपुर, बादलपुर, सिरसा, डाढ़ा, जैतपुर, चुगलपुर खादर, जैतपुर, खोदना खुर्द, घरबरा, मुर्सतपुर, पतवारी, थापखेड़ा, सुनपुरा, मकोड़ा, घोड़ी बछेड़ा, बिसरख, ऐच्छर, खोदना कलां, बिरौंडा-बिरौंडी, भोला रावल, नटों की मड़ैया, ऐमनाबाद, भोलारावल, डाबरा, कैलाशपुर, कासना, रामपुर फतेहपुर आदि गांव शामिल हैं। इन गांवों व सेक्टरों में और भी स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। एसीईओ ने ग्रेटर नोएडा में सभी 54 हजार स्ट्रीट लाइटें तय समय पर लगाने के निर्देश दिये हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि ग्रेटर नोएडा की सभी स्ट्रीट लाइटें बदलने के लिए एक साल का समय दिया गया है, लेकिन इससे भी कम समय में सभी जगह स्ट्रीट लाइटें लगा देने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि सूर्या कंपनी को बीते साल सितंबर में ग्रेटर नोएडा में एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने का जिम्मा दिया गया है।
खराब हुईं तो जल्द रिपेयर हो सकेंगी, ऊर्जा भी बचेगी
एलईडी लाइटों के लग जाने से सड़कों पर रोशनी तो बेहतर होगी ही, लोगों के लिए भी सुविधाजनक हो जाएगी। प्राधिकरण के डीजीएम सलिल यादव ने बताया कि एलईडी स्ट्रीट लाइटें ऑटोमेशन सिस्टम पर लग रही हैं। स्ट्रीट लाइटों को सुबह-शाम जलाने-बुझाने के लिए एक नियंत्रण कक्ष शीघ्र बनेगा। स्ट्रीट लाइटें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जीआईएस से जुड़ी होंगी, जिससे स्ट्रीट लाइट न जलने की सूचना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तक पहुंच जाएगी। सीनियर अफसर भी इस पर नजर रख सकेंगे। ऐसे में अगर कहीं पर स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है तो सूचना मिलते ही कंपनी उसे रिपेयर करा देगी। प्राधिकरण ने रिपेयर करने के लिए समयसीमा भी तय कर दी है। अगर रिपेयर करने में देरी हुई तो पेनल्टी का भी प्रावधान है। ऐसे में शहरवासियों को बेहतर सर्विस भी मिल सकेगी। इसके साथ ही एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से देश की ऊर्जा भी बचेगी और बिजली का बिल भी कम आएगा। पहले के मुकाबले आधी बिजली में ही ग्रेटर नोएडा की सड़कें रोशन रहेंगी। साल भर में करीब 30 करोड़ रुपये बिजली का बिल आता है। उसकी भी बचत होगी, क्योंकि बिजली की खपत कम होने से बिल भी कम आएगा। करीब 15 करोड़ रुपये ही बिल आने का अनुमान है।