बुधवार को लंदन में जलवायु परिवर्तन में वित्तीय क्षेत्र की भूमिका को लेकर प्रदर्शन कर रहे सात लोगों को बार्कलेज लंदन मुख्यालय की खिड़कियाँ तोड़ने के बाद पुलिस ने गिरफ़्तार किया।
‘एक्सटिनक्शन रिबेलियन’ ग्रुप के कार्यकर्ताओं ने खिड़कियों को तोड़ने के लिए हथौड़ों का इस्तेमाल किया और फिर बैंक के भवन के सामने स्थित “इन केस ऑफ़ क्लाइमेट इमरजेंसी ब्रेक ग्लास” संदेश को चिपकाया।

समूह ने कहा कि यह कार्रवाई पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ़ “मनी रिबेलियन” का हिस्सा है जिसने “अहिंसक कार्रवाई” का इस्तेमाल किया, जिससे संपत्ति को नुक़सान पहुँचा है। इसने बैंक पर ‘जलवायु परिवर्तन के आपातकाल में सीधे योगदान देने वाली गतिविधियों में निवेश’ का आरोप लगाया गया है।
बार्कलेस के प्रवक्ता ने कहा, ‘वे पूंजीकरण और जलवायु परिवर्तन के बारे में विचार रखने के हक़दार हैं, लेकिन हम यह कहेंगे कि उस दृष्टिकोण को व्यक्त करने के लिए अपने व्यवहार में सुधार लाएं, ऐसा कुछ न करें जिसमें आपराधिक क्षति होती है और लोगों की सुरक्षा ख़तरे में पड़ती है।’
‘हमने पेरिस समझौते के लिए अपने संपूर्ण वित्तीय पोर्टफ़ोलियो को विशिष्ट लक्ष्यों और पारदर्शी रिपोर्टिंग के साथ रेखांकित करने का कमिटमेंट किया है, जो 2050 तक कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था यानी “ज़ीरो बैंक” होने की हमारी महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाएगा।’

‘एक्सटिनक्शन रिबेलियन’ वैज्ञानिकों द्वारा बताए जा रहे जलवायु परिवर्तन की गंभीरता पर आधुनिक दुनियाँ की राजनीतिक, वित्तीय और सामाजिक संरचना के ख़िलाफ़ एक व्यापक विद्रोह चाहता है।
लंदन के एक 30 वर्षीय प्रचारक सोफ़ी कोवेन ने कहा, “आप आज हमारी कार्रवाई को नापसंद कर सकते हैं, लेकिन मैं आपको उसकी तुलना जंगल की आग और बाढ़ ग्रसित घरों की फंडिंग से करने के लिए कहता हूँ।”
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