यूपीआई ने डिजिटल पेमेंट को और आसान बना दिया है। अब आप चंद मिनटों में ही कहीं भी बैठकर किसी को भी पेमेंट कर सकते हैं। यूपीआई आने के बाद अब लेनदेन के लिए हमें कैश की जरूरत नहीं। ये सिर्फ पेमेंट का जरिया नहीं,बल्कि हमारी जरूरत बन चुका है। वहीं, अब 1 अगस्त से यूपीआई में कुछ बड़े बदलाव होने वाले हैं।
बैलेंस चेक लिमिट
यूजर्स अब तक जितनी बार चाहें, उतनी बार बैंक खाते का बैलेंस या कितने पैसे हैं, वे चेक कर पाते थे। लेकिन अब इसमें एक लिमिट तय की गई है। 1 अगस्त से एक यूजर एक दिन में केवल 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएगा। ये लिमिट इसलिए रखी गई है, ताकि अन्य जरूरी पेमेंट करते वक्त सर्वर पर दबाव न पड़े। इस तरह से प्रत्येक यूजर एक दिन में एक ऐप से केवल 25 बार ही बैंक खाते से जुड़ी डिटेल देख पाएगा।
ऑटेपे तय समय पर ही
आज हम जरूरी पेमेंट को आसान बनाने के लिए ऑटेपे सर्विस का यूज करते हैं। ताकि हमारी जरूरत से जुड़ी पेमेंट समय पर आसानी से हो जाए। आज हम ओटीटी ऐप की पेमेंट से लेकर एसआईपी का भुगतान करने तक ऑटोपे का उपयोग करते हैं। अब ये ऑटेपे एक तय समय पर ही काम करेगा।
पेमेंट स्टेटस चेक करने में लिमिट
हर व्यक्ति पेमेंट करने के बाद एक या दो बार तो स्टेटस जरूर चेक करता ही होगा। फिर चाहे खुद की सहुलियत के लिए हो या फिर सामने वाले पेमेंट स्टेटस दिखाने के लिए। इस स्टेटस चेक पर भी अब एक लिमिट लग गई है। आप एक दिन में पेमेंट स्टेटस 3 बार ही देख पाएंगे। इनमें कम से कम 90 सेकेंड का गैप होना अनिवार्य है।
पेमेंट रिवर्सल में लिमिट
अब चार्जबैक यानी पेमेंट रिवर्सल की लिमिट भी तय की गई है। प्रत्येक यूजर 30 दिन में 10 बार और एक व्यक्ति या एंटिटी से 5 बार ही चार्जबैक मांगा जा सकता है।