समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे में हुई मौतों को लेकर लोकसभा में सरकार से कई सवाल किए। उन्होंने सरकार से मौतों, घायलों के इलाज और आयोजन के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में सटीक आंकड़े पेश करने को कहा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए अखिलेश ने स्थिति को स्पष्ट करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने सिफारिश की कि आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र को सेना को सौंप दिया जाना चाहिए।अखिलेश ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि एक धार्मिक समागम में राजनीतिक प्रचार अशोभनीय, निंदनीय है। सरकार ने महाकुंभ का इतना प्रचार किया और मैंने कई टीवी इंटरव्यू और समाचार चैनलों पर ये बात सुनने में आई कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा आपको देना चाहता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, लेकिन महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी बताए। मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं को स्पष्ट करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ दुर्घटना में हुई मौतों, घायलों के उपचार, दवाओं, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं।’
उन्होंने कहा, ‘महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए और सच्चाई को छिपाने वालों को दंडित किया जाना चाहिए। हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई गलती नहीं थी, तो आंकड़ों को क्यों दबाया, छिपाया और मिटाया गया? अखिलेश ने कहा, ‘लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए।’ उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जहां उचित व्यवस्था होनी चाहिए थी, वहां राजनीतिक प्रचार किया जा रहा है। धार्मिक आयोजन में राजनीतिक प्रचार करना, खासकर डबल इंजन वाली सरकार में, शर्मनाक और निंदनीय है।’
दरअसल, महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर दूसरे शाही स्नान के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें कम से कम 30 लोगों की जान चली गई और लगभग 60 लोग घायल हो गए थे।