दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी आपराधिक मामलों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को असाधारण अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दी। कोर्ट ने ना सिर्फ इस जनहित याचिका को खारिज कर दिया बल्कि अर्जी लगाने वाले आवेदनकर्ता पर 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा दिया।दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करके मांग की गई थी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को सभी आपराधिक मामलों में असाधारण रूप से अंतरिम जमानत दे दी जाए। पीआईएल में कहा गया था कि केजरीवाल जब तक मुख्यमंत्री हैं या ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है, उन्हें सभी मामलों में अंतरिम जमानत दे दी जाए। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था। वह इस समय न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘अदालत ऊंचे पद पर बैठे शख्स के खिलाफ लंबित आपराधिक मामले में असाधारण अंतरिम जमानत नहीं दे सकती। कोर्ट के आदेश पर कोई न्यायिक हिरासत में है। सुप्रीम कोर्ट में चुनौती लंबित है। वह कदम उठा रहे हैं और उपायों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कानून सबके लिए एक ही है।’
अदालत ने कहा, “केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं और उनके पास अदालत का दरवाजा खटखटाने और उचित कार्यवाही दायर करने का रास्ता है, जो वास्तव में उन्होंने इस अदालत के साथ-साथ शीर्ष अदालत के समक्ष भी किया है।”
अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता के पास केजरीवाल के लिए ऐसे बयान देने या निजी मुचलका रखने के लिए कोई पावर आफ अटार्नी नहीं है।अदालत ने कहा कि याचिका आधारहीन है और केजरीवाल न्यायिक आदेश के तहत न्यायिक हिरासत में हैं।”