आज लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी अशीष मिश्रा मोनू को जेल से रिहा हो सकता है. अशीष मिश्रा को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच पहले ही 10 फरवरी को जमानत दे चुकी है लेकिन करेक्शन की अड़चन के चलते रिहाई नहीं हो सकी थी.
सोमवार को करेक्शन बेल पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सभी मामलों में जमानत दे दी है.
इससे पहले 10 फरवरी को बेल देते हुए आईपीसी की धारा 302 और 120 बी को शामिल नहीं किया गया था. इसके बाद से अशीष के जेल से बाहर निकलने पर संकट था.
सभी मामलों में सशर्त जमानत
हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने तिकुनिया में हुई हिंसा मामले में सशर्त बेल ग्रांट कर दी. इस मामले में सहयोग करने और समय पर कोर्ट में हाजिर रहने जैसी गाइडलाइन को मानने को कहा है.
वकील ने अवधेश सिंह ने कहा कि ‘पिछली बार कुछ धाराओं को जमानत याचिका में लिखा गया था लेकिन बेल ऑर्डर में वह शामिल नहीं थी. माननीय हाईकोर्ट ने हमारी करेक्शन याचिका में सुना और सभी धाराओं में जमानत दे दी है.’
लखीमपुर खीरी चुनावों में बन सकता है मुद्दा
लखीमपुर खीरी में अशीष मिश्रा की बेल याचिका मंज़ूर होने के बाद विपक्ष हमलावर है. 10 फरवरी को बेल मिलने के बाद ही प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी और ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
दो चरणों में चुनाव होने के बाद भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर देखी जा रही है ऐसे तीसरे चरण के लिए प्रचार प्रसार जोर शोर से चल रहा है. अशीष मिश्रा की ज़मानत मिलने के बाद से विपक्ष भाजपा के खिलाफ़ केंद्रीय मंत्री के बेटे की जमानत मिलने पर राज्य में अपराध की स्थिति पर चिंता जता रहा है.
लेखक: गौरव मिश्र