केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक’ के मुद्दे पर सोशल मीडिया मंच के प्रतिनिधियों के साथ आज एक अहम बैठक की। आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, डीपफेक मुद्दे पर केंद्र सरकार सतर्क है और सभी सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में रेगुलेशन ड्राफ्ट तैयार करने का फैसला हुआ है। बता दें कि हाल ही में बॉलीवुड के कई कलाकारों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया वायरल हुआ था। इस पर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी।अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डीपफेक सोसाइटी में एक बड़े खतरा के रूप में उभरा है। गलत आडियो या वीडियो बनाया जाता है, जिससे सोसाइटी को नुकसान हो रहा है। इसके खिलाफ जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है। आज सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ केंद्र सरकार की लंबी मीटिंग हुई है। केंद्र सरकार से बैठक में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभव साझा किए और इस खतरे को स्वीकार किया है।
केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि कुछ हफ्तों में रेगुलेशन ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा। आज की मीटिंग में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधि मौजूद थे। एआई की फील्ड में जो कंपनियां काम करती हैं, उनके भी प्रतिनिधि मौजूद थे। अगली मीटिंग दिसंबर के पहले हफ्ते में होगी। तब तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने सरकार से कहा है कि अपने स्तर पर जो कदम उठा सकते हैं, उठाएंगे।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के साथ बैठक में इस पर रेगुलेशन बनाने का फैसला हुआ और इन 4 कदम से इसे रोका जा सकता है।
1. कैसे जानें यह डीपफेक है?
2. कैसे इसे रोकें?
3.रिपोर्टिंग मैकिनिज्म को कैसे मजबूत करें?
4. इसको लेकर जागरूकता बढ़ाने की बात.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आगाह किया था कि एआई से बनाए गए ‘डीपफेक’ बड़े संकट का कारण बन सकते हैं। समाज में असंतोष उत्पन्न कर सकते हैं। उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग को लेकर जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह भी किया था। वहीं वैष्णव ने आगाह किया कि अगर मंच ‘डीपफेक’ को हटाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं, तो उन्हें आईटी अधिनियम के तहत वर्तमान में जो ‘सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा’ मिली है, वह नहीं दी जाएगी।