ED की चार्जशीट पर भूपेश बघेल ने तोड़ी चुप्पी, बोले- ‘ये सब राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा’

by Priya Pandey
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महादेव सट्टा एप मामले में ईडी द्वारा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम चार्जशीट में सामने आने पर भूपेश बघेल ने शनिवार को स्पष्टीकरण दिया है। पूर्व सीएम ने कहा कि ईडी ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिस तरह से मेरा नाम लिखा है, वह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों की गिरफ्तारी कर रही है। साथ ही गिरफ्तार लोगों से मेरे और मेरे आदमियों के खिलाफ गवाही दिलवा रही है। उन्होंने आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं उनका कोई आधार नहीं है।भूपेश बघेल ने कहा, जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कह दिया है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है और उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया। अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है। यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं।

उन्होंने एजेंसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है। इसका मतलब है कि पूरी घटना पहले से तय थी और इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी।

पूर्व सीएम ने कहा कि ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है। हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा व मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है। ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि महादेव एप के घोटाले की जांच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी। मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे। छत्तीसगढ़ सरकार की इस जांच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जांच कर रही है, लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जांच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव व बदनामी का हथियार बना लिया है।

पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुंचाने का ही रह गया है।

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