उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा चुरा कर लाखों रुपए ठगने वाले एक गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ 2 दिन पूर्व आरबीएल बैंक के असिस्टेंट वाइस प्रेसडेंट निखिल छत्तरवाल ने थाना सेक्टर 20 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इन बदमाशों ने ठगी के पैसे से 12 लाख की वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन खरीदने की भी बात स्वीकार की है।
एसटीएफ नोएडा यूनिट के एसपी कुलदीप नारायण ने बताया कि, एक सूचना के आधार पर अपर पुलिस अधीक्षक एसपी ऑफ राजकुमार मिश्रा के नेतृत्व में नोएडा के सेक्टर-22 के जे ब्लॉक में योगेश राणा के मकान में छापा मारकर दरभंगा निवासी गौरव कुमार मिश्रा, प्रकाश कुमार मिश्रा और सचिन कुमार राय को गिरफ्तार किया गया। गौरव इंटर पास है। तीनों आरोपी बचपन के दोस्त हैं और कई साल से नोएडा में रहकर निजी कंपनी में गिफ्ट कार्ड बेचते थे।
कोरोना के कारण लॉकडाउन में कंपनी बंद होने के बाद तीनों गिफ्ट कार्ड बेचने वाली दूसरी कंपनी में काम करने लगे। कोरोना की दूसरी लहर में जब दोबारा से लॉकडाउन हुआ और इन्हें वेतन नहीं मिला तो तीनों ने कंपनी मालिक का मोबाइल चुरा लिया। मोबाइल में आरबीएल बैंक समेत अन्य बैंकों का डाटा था। तीनों ने इसके माध्यम से आरबीएल बैंक के ग्राहकों के बारे में जानकारी प्राप्त की और ऑनलाइन तरीके से क्रेडिट कार्ड धारकों के फोन नंबर की जगह अपना नंबर डालकर ठगने लगे। नंबर बदलने से ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड से पैसे ट्रांसफर होने या शॉपिंग करने की जानकारी नहीं होती थी। हाल ही में आरबीएल बैंक की तरफ से कोतवाली सेक्टर-20 में मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि तीनों ने कॉइन स्विच कुबेर एप से 12 लाख के बिटकॉइन खरीदे थे। एसटीएफ ने बिटकॉइन के खाते को सीज करा दिया है। इसके अलावा तीनों क्रेडिट कार्ड के जरिये फ्लिपकार्ट से सोना खरीद लेते थे, बाद में सोना बेचकर नकदी प्राप्त करते थे। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान जानकारी मिली है कि इन लोगों ने ठगी के पैसे से चल और अचल संपत्ति भी बनाई है। इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।