नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जिन लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है। उनके परिवार के लिए काफी बड़ी और खुशी की खबर सामने आ रही है। गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि, जिले के जिन-जिन अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अब उन कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य और अन्य जानकारी उसके परिवार को मिलेगी। अब रोजाना ही कोरोना मरीज के परिजनों को उसके हालचाल की जानकारी मिलेगी।
हेल्प डेस्क की होगी स्थापना:
गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि, जिला प्रशासन जिले से कोरोना संक्रमण को उखाड़ फेकने के लिए काफी प्रयास कर रहा है। कोरोना मरीजों और उनके परिजनों को कोई भी समस्या ना हो, उसके लिए भी जिला प्रशासन काफी तैयारियां कर रहा है। उन्होंने आदेश जारी करते हुए कहा है कि, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के जिन अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। उन सभी अस्पतालों द्वारा अपने-अपने अस्पतालों में एक हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी। उस हेल्प डेस्क में अस्पताल की तरफ से कर्मचारियों की भी तैनाती की जाएगी। हेल्प डेस्क पर दो प्रकार के फोन होंगे। एक जिसमें सिर्फ कॉल आ सकती है और एक वो जिससे सिर्फ कॉल जा सकती है। दोनों का संचालन अलग-अलग होगा।
डीएम सुहास एलवाई ने आगे बताया कि, आउटगोइंग फोन से अस्पताल की तरफ से प्रतिदिन मरीजों के परिवार से संपर्क करके कोरोना संक्रमित मरीज की जानकारी दी जाएगी। वही इनकमिंग कॉल से कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज का परिवार अस्पताल में कॉल करके अपने मरीज के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी ले सकता है। उन्होंने बताया कि रोजाना जो भी आउटगोइंग और इनकमिंग कॉल होगी। उसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन SDM को देगा।
उन्होंने आदेश को जारी करते हुए कहा है कि, अगर अस्पताल की तरफ से कोई भी गलत जानकारी कोरोना संक्रमित परिवार को दी गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से एक टीम भी गठित की जाएगी। जो अस्पताल द्वारा SDM को दिए जाने वाला डाटा की जांच करेगा।
गौरतलब है कि जिले में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे है। लेकिन डीएम सुहास एलवाई और जिले के सभी अधिकारी जिले से कोरोना संक्रमण को उखाड़ फेंकने के लिए हर तरीके से कोशिश कर रहे हैं। यह काफी दुख की बात है कि, जिले में अभी तक 350 लोगों की मौत इस कोरोना वायरस के कारण हो गई है। लेकिन यह बात भी सच है कि इनमें से अधिकतर लोग पहले से ही गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। वही लोगों का कहना है कि जिले में रोजाना सरकारी आंकड़े से काफी ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। लेकिन सरकार उससे बेखबर है।