इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, यूपी में अध्यापक नहीं करेंगे गैर शैक्षणिक काम

by Sachin Singh Rathore
0 comment

मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के 5 लाख बेसिक शिक्षकों को लेकर को बड़ा फैसला दिया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में टीचर्स गैर शैक्षणिक काम नहीं करेंगे। हालांकि सिर्फ चुनाव, जनगणना और आपदा से जुड़े काम कराये जा सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम नियमावली के नियम 27 और न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के मुताबिक शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिए जा सकते हैं।

नियमों को कड़ाई से पालन किया जाए

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने चारु गौर और दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। कोर्ट ने कहा है कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न करवाया जाए। साथ ही कोर्ट ने इस संबंध में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 नियमावली के नियम 27 व इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुनीता शर्मा व अन्य की जनहित याचिका में पारित आदेश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।

डीएम और बीएसए को दिया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी सख्ती से पालन कराएं और शिक्षकों से सिर्फ आपदा, जनगणना और सामान्य निर्वाचन के दौरान ही काम लिया जाए। बता दें अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुनीता शर्मा व अन्य की जनहित याचिका में पारित आदेश का हवाला देकर भी बताया गया कि हाईकोर्ट ने भी शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्यों को लेने पर रोक लगाई है।

अध्यापकों पर थोपे जाते है गैर शैक्षणिक काम

उत्तर प्रदेश में अध्यापकों पर गैर शैक्षणिक काम थोपे जाते हैं जिनमें मतदाता सूची निर्माण व संसोधन प्रक्रिया, बाल गणना करना, मिशन प्रेरणा पोर्टल पर डाटा फीडिंग का काम, नवनिर्वाचित प्रधानों से समन्वय बनाकर कायाकल्प मिशन को गति देने काम, एमडीएम यानी मिड-डे-मील के तहत खाते में फण्ड ट्रांसफर सुनिश्चित करना, मिड-डे मील के तहत राशन व खाद्य सामग्री एकत्र करना, भोजन बनवाना, राशन सार्वजनिक वितरण केंद्र पर खाद्यान्न वितरण, विद्यालय परिसर का दुरुस्ती करण कीसाफ-सफाई व बेहतर रख-रखाव, डाटा फीडिंग का काम करना, भवन निर्माण व देखरेख का काम, प्रसार-प्रसार के लिए बच्चों को लेकर विभिन्न रैलियों में भाग दिलवाना इत्यादि शामिल हैं इन्ही के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।

About Post Author