समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को सुप्रीम कोर्ट से 13 मार्च को बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने उनके पिता स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव और उनसे जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में आगे सुनवाई से मना कर दिया। शीर्ष अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी देते हुए इसके खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई 2013 में ही इस मामले की जांच बंद कर चुकी है। इसलिए इस याचिका में कोई मेरिट नहीं बची है। मुलायम सिंह यादव का भी निधन हो चुका है। इसलिए अब सुनवाई की ज़रूरत नहीं।
2022 में सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में सुनवाई बंद करने से इनकार कर दिया था। पिछली सुनवाई के दौरान अखिलेश की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने मामले की सुनवाई बंद करने की मांग करते हुए कहा था कि 2019 में सीबीआई हलफनामा दाखिल कर कह चुकी है कि इस मामले की जांच वह बंद कर चुकी है।
बता दें कि साल 2005 में विश्वनाथ चतुर्वेदी नाम के वकील ने यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह, उनके बेटे अखिलेश यादव, बहु डिंपल यादव और दूसरे बेटे प्रतीक यादव के ऊपर आय से करोड़ों अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने डिंपल को जांच के दायरे से बाहर कर दिया। वहीं, मुलायम, अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ जांच चलती रही।