बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार, 29 नवंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भीमा कोरेगांव के आरोपी वरवरा राव का एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए टेस्ट कराने का निर्देश दिया।

Varavara Rao/twitter
राव के वकील ने तर्क दिया था कि उच्च न्यायालय के 18 नवंबर के आदेश के बावजूद, प्रतिवादी उसे अस्पताल ले जाने में विफल रहे। जवाब में एनआईए के वकील एडवोकेट संदेश पाटिल ने माफ़ी जारी करते हुए कहा कि आवेदक से तत्काल पूछताछ की जाएगी।
18 नवंबर को एचसी बेंच ने राव की ज़मानत अवधि बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई की थी और नानावती अस्पताल को उनकी जांच करने और अगली सुनवाई से पहले एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था, जो 29 नवंबर को निर्धारित की गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़ एचसी ने राव को जेल लौटने के लिए 2 दिसंबर तक का समय दिया था, जिसका समय बाद में 6 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था। राव को पहले चिकित्सा आधार पर ज़मानत दी गई थी जिसे बढ़ाने के लिए उन्होंने कई अनुरोध किया था।
82 वर्षीय कवि स्पर्शोन्मुख पार्किंसंस रोग और अन्य तंत्रिका संबंधी स्थितियों से पीड़ित हैं, और उन्होंने दावा किया है कि न्यायिक हिरासत में रहने से उनका स्वास्थ्य और ख़राब हो जाएगा।