बॉम्बे हाई कोर्ट ने डायरेक्टर महेश मांजरेकर को गिरफ्तारी से दी राहत, जानिए क्या है मामला

by Priya Pandey
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एक्टर-डायरेक्टर महेश मांजरेकर अपनी मराठी फिल्म ‘नाय वरनभात लोन्‍चा कोन नाय कोन्‍चा’ को लेकर सुर्खियों में हैं। इसी मूवी की वजह से फिल्ममेकर कानूनी पचड़े में भी फंस चुके हैं। महेश पर फिल्म में नाबालिग बच्चों के साथ अश्लील दृश्य दिखाने का आरोप लगा है। मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में हैं, जहां बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को निर्देशक महेश मांजरेकर और मराठी फिल्म ‘नय वरण भट लोंचा कोन ने कोंचा’ के निर्माताओं को नाबालिगों से जुड़े एक अश्लील सीन के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है।

कोर्ट में हुई सुनवाई में, अदालत ने पुलिस को निर्देशक या फिल्म की टीम के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया, जिन्होंने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

गिरफ्तारी पर लगी रोक

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद महेश मांजरेकर और दो निर्माताओं के खिलाफ गिरफ्तारी जैसे किसी भी कठोर कदम पर रोक लगा दी है। दरअसल, मामला दर्ज होने के बाद महेश मांजरेकर और निर्माताओं ने जांचकर्ताओं के साथ सहयोग की बात कुबूलते हुए गिरफ्तारी जैसे कदम पर रोक लगाने की अर्जी दायर की थी। जिसपर तीनों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

एडवोकेट रवि सूर्यवंशी के साथ सीनियर एडवोकेट पोंडा के नेतृत्व में एडवोकेट स्वप्निल अंबुरे ने ईटाइम्स को दिए एक बयान में कहा है कि, “माननीय न्यायालय ने फिल्म ‘नय वरण भट लोंचा को नई कोंचा’ के निर्देशक और निर्माताओं को गिरफ्तारी से बचाया है। आगे , राज्य पुलिस को उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के निर्देश जारी किए गए हैं। हम जांच में अपना पूरा सहयोग देंगे।”

बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया आदेश

पिछले महीने मांजरेकर ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मामले को रद्द करने की मांग की थी और गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा की मांग की थी। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हालांकि कोई आदेश पारित करने से इनकार करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। अब उम्मीद ये की जा रही है कि निर्देशक महेश मांजरेकर को इस मामले से जल्द ही पूर्ण रूप से राहत मिल जाएगी।

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