अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी के बाद अब ब्रितानी ख़ुफ़िया एजेंसी का भी दावा, चीन के वुहान लैब से हुआ था कोरोना का आरंभ

by MLP DESK
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कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़े सवालों पर विश्वभर में बहस छिड़ी हुई है। लगातार नए-नए दावे और शोध सामने आ रहे हैं। इस बीच अब अमेरिका के बाद ब्रिटेन की ख़ुफ़िया एजेंसी ने भी मान लिया है कि यह ‘संभव’ है कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन की प्रयोगशाला से वायरस लीक होने के कारण हुई हो।

 

ब्रितानी अख़बार ‘संडे टाइम्स’ में सूत्रों के हवाले से यह ख़बर छपने के बाद ब्रिटेन के वैक्सीन मंत्री नदीम ज़हावी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से वायरस की शुरुआत के संबंध के विस्तृत और पूरी जाँच की माँग की है।

ज़हावी ने कहा, “यह ज़रूरी है कि डब्लूएचओ को अपनी जाँच पूरी करने दिया जाए ताकि कोरोना वायरस के स्रोत का पता लग सके। हमें इसमें कोई कसर बाकी नहीं रहने देना चाहिए।”

 

Credit- Reuters

 

सांसद टॉम टुगेंडट ने भी इस रिपोर्ट पर जल्द से जल्द अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की और कहा, “वुहान की चुप्पी परेशान करने वाली है। हम भविष्य में ख़ुद को बचा सकें और जान सकें कि असल में हुआ क्या, इसके लिए परतें खोलना ज़रूरी है।”
टुगेंडट ने आगे जोड़ा, “इसका मतलब यह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया भर के सहयोगी मिलकर जाँच शुरू करें।”

बता दें कि कुछ दिनों पहले अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया था। उनके द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया था कि कोरोना वायरस के दुनिया में फैलने के हफ़्तों पहले चीन के वुहान शहर में स्थित एक लैब में तीन शोधकर्ता बीमार पड़े थे और उन्हें अस्पताल का सहारा भी लेना पड़ा था। रिपोर्ट के अनुसार उनके लक्षण कोविड-19 से काफ़ी हद तक मिलते जुलते थे।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश की ख़ुफ़िया एजेंसियों को आदेश दिया था कि वे 90 दिनों से भीतर ये पता लगाएँ कि कोरोना वायरस इंसानों में आखिर कैसे फैला।

 

Credit- Reuters

 

ग़ौरतलब है कि चीन ने इस रिपोर्ट को ‘पूरी तरह झूठ’ करार दिया था और यह भी कहा था कि विहान लैब का कोई भी शोधकर्ता आजतक कोरोना संक्रमित नहीं हुआ है।

महामारी के आरम्भ से ही कोरोना वायरस के स्त्रोत की बाबत बहस होती रही है।
इसकी शुरुआत में ही कुछ वैज्ञानिकों और नेताओं ने यह अशंका जताई थी कि इसका स्त्रोत चीन स्थित वुहान लैब हो सकता है।

वुहान का ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरॉलजी’ उस सीफ़ूड मार्केट के पास है जो साल 2019 के आख़िर में कोरोना संक्रमण का पहला केंद्र बना था।

डब्लूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा था?

कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़ी लैब लीक थ्योरी शुरू से ही एक विवादास्पद चर्चा रही है। हालाँकि चीन ने हमेशा से ही इस थ्योरी को सिरे से खारिज किया है। चीन पर वायरस से जुड़ी जाँच में सहयोग न करने के आरोप भी लगते रहे हैं।

 

Credit- BBC

 

इस बीच साल की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम ने वुहान जाकर इसकी जाँच करने का प्रयास किया था।
हालाँकि इस जाँच में सामने आई रिपोर्ट में वायरस के जानवरों से इंसानों में फ़ैलने की बात को ज़्यादा सटीक माना जा रहा था, रिपोर्ट में यह कहा गया था कि वायरस की लैब से उत्पत्ति को साबित करने के लिए अभी पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, इसलिए यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता कि कोरोना का आरंभ चीन के इस लैब से हुआ है।

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