इस लोकतांत्रिक भारत में बिल्डरों की तानाशाही शायद कई लोगों की जिंदगीयां तबाह कर सकता है। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र समस्याओं और उन समस्याओं पर प्रदर्शन करने वालो का गढ़ बन चुका है, लेकिन इसके बावजूद दूर-दूर तक इन समस्याओं के हल के कोई आसार नहीं है।
आइए ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में घूमते घूमते आपको ले चलते हैं, सुपरटेक के Eco village 1 में जहां दीवारों की हालत इतनी खराब है कि आपको देखकर किसी सोसाइटी की अनुभूति नहीं होगी। आपको महसूस होगा कि आप किसी पुराने खंडहर में आ गए हैं। पिलर की हालात यह कि यह बहुमंजिला इमारत कब गिर जाए और हजारों लोगों की जीवन लीला वहीं समाप्त हो जाए। लेकिन इन सबसे न तो बिल्डर को कोई फर्क पड़ रहा है, न हीं अथॉरिटी आंखों पर बंधी पट्टी खुल रही है, और न ही वोट लेने वाली सरकार इनकी ओर एक नजर दौड़ा रही है।
जब हमने सोसायटी के लोगों से बात किया तो पता चला कि सोसाइटी के बेसमेंट में हमेशा पानी भरा रहता है और जब मौसम बारिश का होता है, लगातार बारिश बरसती रहती है तो यह स्तर 2 मीटर तक पहुंच जाता है। लगातार पानी भरे रहने से बिल्डिंग की नींव कमजोर पड़ चुकी है और दीवारों के प्लास्टर उजड़ चुके हैं। साथ ही साथ पिलर की हालत खस्ता बन चुकी है।
8000 फ्लाइट वाले इस सोसाइटी के हजारों लोगों की जिंदगी या अधर में पड़ी है, फिलहाल 4200 फ्लैट पर लोगों को फ्लैट पर अपना कब्जा मिल चुका है। लोगों द्वारा की गई तमाम शिकायतें व्यर्थ और बेकार पड़ी है क्योंकि बात अगर बिल्डर की करें तो वह बेलगाम है, बात अगर अथॉरिटी की करें तो शायद वह गूंगी और बहरी तथा अंधी चुकी है और सरकार समय-समय पर अपने वोट बटोरने में लगी हुई है, लेकिन अधर में लटके इन फ्लैट धारकों की जिंदगी का कोई भी सुनवाई नहीं है।