यूक्रेन से अपने वतन लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखने की चुनौती है.यूक्रेन से लौटे भारतीय नागरिकों में अधिकतर मेडिकल स्टूडेंट्स हैं बाकी रोजगार या अन्य किसी कारण से वहां रह रहे थे.
मेडीकल स्टूडेंट्स के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन ने फौरी राहत दी है. एनएमसी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए विदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए भारत में ही अनिवार्य एक साल की इंटर्नशिप करने की अनुमति दी दी है.
एमएमसी से सोशल मीडिया पर पर दो पन्नो का सर्कुलर जारी कर विस्तार से जानकारी दी है. इस नोटिस में कहा गया है कि अगर स्टूडेंट्स फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम पास कर लेते हैं तो वे इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए अप्लाई कर सकेंगे. एफएमजीई को एक्जिट एग्जाम के रूप में भी देखा जाता है.एफएमजीई एग्जाम को मेडिसिन से पोस्टग्रेजुएट डिग्री और भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी माना जाता है.
एमएमसी द्वारा ज़ारी सर्कुलर में मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा इंटर्नशिप कार्यक्रम की अनुमति के लिए किसी भी प्रकार की फ़ीस नहीं ली जायेगी.एफएमजीई के लिए स्कॉलर और मानदेय भारतीय छात्रों को मिलने वाली राशि के अनुसार ही होंगा.
लेखक: गौरव मिश्र