बुधवार को चीन ने कोरोनवायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के प्रयासों के अमेरिकी “राजनीतिकरण” की आलोचना की और एक अमेरिकी सैन्य प्रयोगशाला की जांच की मांग की। यह माँग उसने वायरस पर अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी की रिपोर्ट जारी होने से कुछ समय पहले की है।
अपेक्षा की जा रही है कि इस अमेरिकी रिपोर्ट से वायरस की उत्पत्ति की तस्वीर साफ़ होगी और अलग-अलग ख़ुफ़िया एजेंसियों के अलग-अलग निष्कर्षों पर छिड़े विवाद को विराम मिलेगा।
विदेश मंत्रालय के हथियार नियंत्रण विभाग के महानिदेशक फू कांग ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “चीन को बलि का बकरा बनाने से अमेरिका की छवि बेदाग़ नहीं होगी।” व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने इस सप्ताह कहा कि अमेरिकी रिपोर्ट मंगलवार को निर्धारित समय सीमा तक पूरी होने वाली थी, लेकिन सार्वजनिक रिलीज़ के लिए एक अवर्गीकृत संस्करण तैयार करने में अभी कुछ दिन लगेंगे।
ग़ौरतलब है कि इसपर चीन ने कहा है कि एक लैब लीक थ्योरी के सच होने की संभावना नहीं है लेकिन इस थ्योरी के कारण एक मज़ाकिया तथ्य पेश करने की कोशिश की गई कि 2019 में फैले कोरोना वायरस की उत्पत्ति वुहान लैब से हुई थी।
फ़ू ने कहा, “यह केवल तभी उचित है अगर अमेरिका ज़ोर देकर कहता है कि यह एक परिकल्पना वैध है, ऐसा है तो उन्हें अपनी बारी करनी चाहिए और जांच को अपनी प्रयोगशालाओं में आमंत्रित करना चाहिए।”
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में चीन के दूत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख से यू.एस. प्रयोगशालाओं की जांच की माँग की।