मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा और बकरीद को लेकर निर्देश दिया है कि आस्था को सम्मान दें, लेकिन कोई नई परंपरा शुरू न हो. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बकरीद पर तय स्थान पर ही कुर्बानी हो और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए. साथ ही कहा कि धार्मिक गतिविधियों के दौरान सड़क आवागमन बाधित न हो. श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस खरीद-बिक्री न हो.योगी आदित्यनाथ ने निर्देशित किया कि धार्मिक यात्राओं/जुलूसों में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए. ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों. शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें. संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए. ग्रामीण हो या कि शहरी क्षेत्र, पर्व-त्योहारों के बीच बिजली अपूर्ति सुचारू रहे. कांवड़ यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के अच्छे प्रबंध हों. लोगों को परेशानी न हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि हर जिले के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क क्रियाशील हो.
मुख्यमंत्री ने कहा, “आगामी चार जुलाई से पवित्र श्रावण मास का प्रारम्भ हो रहा है. इस वर्ष अधिमास के कारण श्रावण मास दो माह की अवधि का हो रहा है. इस अवधि में श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा. श्रावण मास में परम्परागत कांवड़ यात्रा निकलेगी. सोमवार पूजन का भी विशेष महत्व है. इससे पूर्व 29 जून को बकरीद मनायी जाएगी. स्पष्ट है कि कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है. अतः हमें सतत सतर्क-सावधान रहना होगा.”
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की खरीद-बिक्री न हो. उन्होंने कहा कि विगत दिनों रमजान माह और ईद के अवसर पर धार्मिक कार्यों से यातायात प्रभावित नहीं हुआ, इस प्रयास की पूरे देश में सराहना हुई है. उन्होंने कहा, “इस बार बकरीद और मुहर्रम के मौके पर भी हमें यही व्यवस्था लागू रखनी होगी. स्थानीय प्रशासन द्वारा इस सम्बन्ध में सम्बन्धित धर्मगुरुओं/बुद्धिजीवियों से संवाद बना लिया जाए.”