दुनियाँभर में फैल रही है इस्लामोफ़ोबिया नामक महामारी?

by MLP DESK
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पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र की इस्लामिक सहयोग संगठन OIC द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र -महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ बढ़ती नफ़रत पर चिंता ज़ाहिर की और इसपर बात करते हुए कहा कि “विविधता समृद्धि है, ख़तरा नहीं”। उन्होंने विविधता का सम्मान करने पर ज़ोर देने की बात कही। दुनियाँ में तेज़ी से फ़ैलते इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए गुटारेस ने कहा कि मानवीयता की पक्षधरता के लिए सभी का साथ आना ज़ुरूरी है। उन्होंने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए कहा “हमें उन नीतियों पर ज़ोर देना जारी रखना चाहिए, जो मानव अधिकारों, धार्मिक, सांस्कृतिक और अद्वितीय मानव पहचान का पूरी तरह से सम्मान करती हैं।”

Antonio Guterres

गुटारेस ने इस भावना को माहमारी की संज्ञा देते हुए बेहद ख़तरनाक बताया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मानवाधिकार आयोग द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट में पाया गया कि मुसलमानों के प्रति घृणा, भेदभाव और सन्देह किसी माहमारी के स्तर तक पहुँच गया है। इसे रोकना हम सभी की ज़िम्मेदारी है। गुटारेस ने क़ुरान का हवाला देते हुए यह भी कहा कि “जैसा कि पवित्र क़ुरान हमें याद दिलाता है, राष्ट्रों और जनजातियों का निर्माण एक दूसरे को जानने के लिए हुआ है।”

ग़ौरतलब है कि बीते एक दशक से मुसलमानों के प्रति घृणा और तिरस्कार की भावना लोगों में प्रबल हुई है। विश्वभर में यह एक चिंता का विषय बना हुआ है। अमेरिका, फ़्रांस और ब्रिटेन जैसे शिक्षित और समृद्ध देशों में भी एक पूर्वाग्रह लोगों के भीतर नज़र आता है जिसे आज इस्लामोफोबिया भी कहा जा रहा है। आए दिन मुसलमानों के प्रति नफ़रत के चलते उनपर हमले भी हो रहे हैं जो वैचारिक रूप में समाज को ज़्यादा नुक़सान पहुँचा रहे हैं।
इसपर चीन की स्थित उल्लेखनीय है, जहाँ के कथित शैक्षणिक कैम्पों में रखे गए वीगर मुसलमानों की दशा की वास्तविकता भी हमारे सामने है, जिसके भीतर के शारिरिक और मानसिक प्रतारणा के क़िस्से दुनियाँ के सामने आ रहे हैं। यहाँ मुस्लिम महिलाओं का जीवन अधिक कठिन है जिनके लिए बालात्कार जैसी यातनाएँ अब एक सामान्य घटना बन गयी है। हाल ही में “बी.बी.सी वर्ल्ड” की चीन के वीगर मुसलमानों की दशा पर तैयार की गई रिपोर्ट इन सभी घटनाओं की पुष्टि करती है।
बता दें कि OIC में क़रीब 60 देशों की सदस्यता है। इस संगठन ने 15 मार्च को इस्लामोफोबिया से मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया है।
इस विषय पर मुखर होने वाले अंटोनियो गुटारेस समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने इस्लामोफोबिया नामक महामारी पर चिंता ज़ाहिर की है। देखना ये होगा कि मुसलमानों के प्रति बढ़ती घृणा पर अलग-अलग देशों के सहयोग से लगाम कैसे कसी जाएगी।

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