कोवैक्सीन में बछड़े के सीरम को लेकर विवाद, भारत बॉयोटेक ने दी सफाई

by Sachin Singh Rathore
0 comment

कांग्रेस के नेशनल कॉर्डिनेटर गौरव पांधी ने दावा किया कि कोवैक्सिन बनाने में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए 20 दिन से भी कम के बछड़े की हत्या की जाती है।

पांधी ने एक RTI के जवाब में मिले दस्तावेज शेयर किए। उन्होंने दावा किया है कि यह जवाब विकास पाटनी नाम के व्यक्ति की RTI पर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने इसका जवाब दिया है।

गौरव पांधी ने एक दस्तावेज के साथ लिखा किएक आरटीआई जवाब में, मोदी सरकार ने स्वीकार किया है कि COVAXIN में नवजात बछड़ा सीरम होता है ….. जो कि 20 दिनों से कम समय के युवा गाय-बछड़ों से प्राप्त रक्त का एक हिस्सा है, जो उन्हें वध करने के बाद प्राप्त होता है। यह जघन्य है! यह जानकारी पहले सार्वजनिक की जानी चाहिए थी।”

https://twitter.com/GauravPandhi/status/1404837680874070023?s=19

भारत बॉयोटेक ने दी सफाई

भारत बायोटेक ने सफाई देते हुए कहा कि है कि वैक्सीन बनाने के लिए गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। इनका इस्तेमाल सेल्स की ग्रोथ के लिए होता है, लेकिन SARS CoV2 वायरस के फाइनल फॉर्मूले में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है। भारत बायोटेक ने आगे बताया कि कोवैक्सीन पूरी तरह से शुद्ध वैक्सीन है, जिसे सभी अशुद्धियों को हटाकर तैयार किया गया है और बछड़ों के सीरम का इस्तेमाल वैक्सीन बनाने के लिए वर्षों से किया जा रहा है और इसकी जानकारी नौ महीने पहले दी जा चुकी थी।

ICMR के रिसर्च पेपर में किया था दावा

दरअसल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रिसर्च पेपर में भी बताया गया था कि कोवैक्सिन बनाने के लिए नवजात पशु के ब्लड का सीरम उपयोग किया जाता है। रिसर्च की मुताबिक कोवैक्सिन के लिए नवजात बछड़े के 5% से 10% सीरम के साथ डलबेको के मॉडिफाइड ईगल मीडियम (DMEM) को इस्तेमाल किया जाता है। DMEM में कई जरूरी पोषक होते हैं, जो सेल को बांटने के लिए जरूरी होते हैं।

About Post Author