राकांपा नेता नवाब मलिक को मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने नवाब मलिक को 23 फरवरी को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। नवाब मलिक अब 21 मार्च तक हिरासत में रहेंगे।
ईडी के अधिकारियों ने कहा था कि मलिक के 1993 के मुंबई बम विस्फोटों से जुड़े लोगों से संबंध थे। एजेंसी का कहना है कि यह जांच, भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम, उसके सहयोगियों और मुंबई अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से संबंधित है।
मलिक की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित- शरद पवार
एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि मलिक की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है और मुसलमान होने के कारण उनका नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जोड़ा जा रहा है। पवार ने मलिक के इस्तीफे की विपक्ष की मांग भी खारिज कर दी। राकांपा प्रमुख ने कहा, ”मलिक की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। उनका नाम दाऊद इब्राहिम से इसलिए जोड़ा जा रहा है क्योंकि वह मुसलमान हैं। मलिक और उनके परिवार के सदस्यों को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है, लेकिन हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।”
बचाव पक्ष के वकील अमित देसाई ने ईडी पर निशाना साधते हुए अदालत में तर्क दिया कि एजेंसी ने आज कहा है कि मंत्री द्वारा हसीना पारकर को “आतंकवादी फंडिंग” पहले आवेदन में 55 लाख के मुकाबले 5 लाख थी। बाद में उन्होंने कहा, मुझसे उन्होंने कहा कि ये एक टाइपिंग त्रुटि थी।
अमित देसाई बोलीं, “आज की रिमांड अर्जी के पहले पन्ने पर लिखा है कि यह पिछली रिमांड अर्जी का सिलसिला है। पिछली बार ईडी ने कोर्ट को बताया था कि नवाब मलिक और अंडरवर्ल्ड गैंग के बीच संबंध थे। कहा गया था कि वह आतंकी फंडिंग में सक्रिय रूप से शामिल था।”
आपको बता दें कि नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने 23 फरवरी को अंडरवर्ल्ड दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद नवाब मलिक को 7 मार्च तक ईडी की हिरासत में रखा गया था।