दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को आठ सप्ताह के भीतर दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के संबंध में एक नीति बनाने का निर्देश दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की खंडपीठ ने कहा ‘यह देखते हुए कि मामला पांच साल से अदालत में लंबित है, केंद्र सरकार को एक नीति लाने का आखिरी मौका दिया जा रहा है’। कोर्ट ने कहा कि अगर इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया तो संबंधित संयुक्त सचिव को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना होगा।

Delhi Highcourt
न्यायालय ने ऑनलाइन दवाओं की अवैध बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिकाओं में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमों में और संशोधन करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित मसौदा नियमों को भी चुनौती दी गई है।
दिल्ली उच्च न्यायालय में भी एक अवमानना याचिका दायर की गई है, जिसमें दवाओं की ऑनलाइन बिक्री जारी रखने के लिए ई-फार्मेसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। कोर्ट के आदेशों के बावजूद दोषी ई-फार्मेसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ भी एक्शन लेने की मांग की गई है।