दिल्ली की नगर निगमों क एक करने का फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली में तीनों नगर निगमों के विलय के विधेयक को मंजूरी दे दी है। पिछले कुछ सालों से तीन अलग अलग नगर निगम के जरिए काम किया जा रहा है, लेकिन अब ये पावर एक स्थान पर केंद्रित होने जा रही है। अब दिल्ली नगर निगम बिल को संसद के चालू बजट सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इस कारण किया जा रहा एक
उत्तरी निगम के महापौर राजा इकबाल सिंह, दक्षिणी के मुकेश सुर्यान व पूर्वी के श्याम सुंदर अग्रवाल द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि निगमों की खराब आर्थिक स्थिति से कर्मचारियों को वेतन मिलने में देरी हो रही है और विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे में इन्हें एक करने की आवश्यकता है। इससे तीनों निगमों के खर्च घटाए जा सकेंगे और राजस्व को समान रूप से दिल्ली के पूरे क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा सकेगा, जबकि वर्तमान स्थिति में उत्तरी और पूर्वी निगम के मुकाबले दक्षिणी निगम का राजस्व अधिक है और यहां फंड की अधिक समस्या नहीं है।
Union Cabinet approves 'The Delhi Municipal Corporation Amendment Act 2022'. The amendment act provides for a unified Municipal Corporation of Delhi by subsuming the existing three corporations.
— ANI (@ANI) March 22, 2022
दिल्ली नगर निगम को साल 2011 में तीन नगर निगमों – दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) में विभाजित किया गया था। बता दें कि एसडीएमसी में सेंटर, साउथ वेस्ट और नजफगढ़ के इलाके आते हैं। वहीं, एनडीएमसी में रोहिणी, सिविल लाइंस, करोल बाग, सदर पहाड़गंज, केशवपुरम, नरेला आते हैं। वहीं, तीसरी नगर निगम ईडीएमसी में शाहदरा नॉर्थ, शाहदरा साउथ के इलाके आते हैं।
आपको बता दें कि तीनों नगर निगम को एक करने का ये फैसला पहली बार नहीं किया गया है, क्योंकि साल 2012 से पहले दिल्ली में एक ही नगर निगम की व्यवस्था थी, जिसमें बाद में विभाजित करके तीन नगर निगम बनाए गए। उस वक्त तर्क दिया गया था कि ऐसा करने से नगर निगम के कामकाज में सुधार लाया जा सकेगा और ये प्रभावी तरीके से जनता को सेवाएं दे सकेंगी हालांकि, अब कहा जा रहा है कि ये प्रयोग असफल रहा है।