मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक और उनकी पत्नी नोएडा से गिरफ्तार, हरिद्वार कुंभ में एक लाख से ज्यादा फर्जी कोविड टेस्ट करने का आरोप

by MLP DESK
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साल 2021 में हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में फर्जी तरीके से कोविड टेस्ट करके, करोड़ों का घोटाला करने के मामले में फरार चल रहे  मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड के मालिक और उनकी पत्नी को हरिद्वार पुलिस ने नोएडा के सेक्टर-48 स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया है। इनके ऊपर एक लाख से ज्यादा फर्जी  कोविड-19 टेस्ट करने का आरोप है। इस मामले की जांच उत्तराखंड की विशेष जांच टीम (एसआईटी) और प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है।

 

 

गौतम बुद्ध नगर पुलिस के मीडिया प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि बीती रात को उत्तरांचल की हरिद्वार पुलिस टीम ने नोएडा के बी -56 सेक्टर 48 में रहने वाले मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड के डायरेक्टर शरद पंत (45 वर्ष) पुत्र हरीश पंत तथा उनकी पत्नी मलिका पंत (43 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ जनपद हरिद्वार में धारा 269, 270, 420, 467, 468, 471, 120- बी, आपदा प्रबंधन अधिनियम व तीन महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज है। उन्होंने बताया कि आरोप है कि इन लोगों ने एक लाख से ज्यादा फर्जी आरटी -पीसीआर टेस्ट किया तथा उत्तराखंड सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया। उत्तराखंड पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद यहां से लेकर हरिद्वार के लिए निकल गई है।

मालूम हो कि पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एल आई सी एजेंट विपिन मित्तल को 22 अप्रैल को एक एसएमएस आया। जिसमें बताया गया था कि उनका कोविड टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है। साथ ही टेस्ट रिपोर्ट का लिंक भी उनको शेयर किया गया था। विपिन ने आरोप लगाया कि उन्होंने कभी कोविड टेस्ट करवाया ही नहीं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय अधिकारियों की इसकी शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को ई-मेल के जरिए अपनी शिकायत भेजी। आईसीएमआर ने अपनी जांच में पाया कि विपिन कोविड सैम्पल हरिद्वार में लिया गया था। उत्तराखंड स्वास्थ विभाग को मामले की जांच सौंप दी गई। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मामले की शुरुआती जांच करवाई।

जिसमें पता चला कि अकेले विपिन मित्तल ही नहीं बल्कि ऐसे एक लाख से ज्यादा फर्जी कोविड टेस्ट किए गए हैं। एक ही मकान नंबर और एक ही मोबाइल नंबर पर पचास-साठ लोगों का फर्जी रिपोर्ट तैयार किया गया है। निजी लैब की झूठी कोरोना टेस्ट के मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में 3 सदस्य टीम ने की। 3 सदस्य टीम ने 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट दी।

हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी शंभू कुमार झाॅ  ने इस मामले में कोतवाली हरिद्वार में मुकदमा दर्ज करवाया। बताया जाता है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने कुंभ के दौरान 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 50 हजार रोजाना कोविड टेस्ट कराने के निर्देश दिए थे। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आईसीएमआर की ओर से अधिकृत 9 एजेंसियो और 22 निजी लैब ने चार लाख कोविड टेस्ट किए थे। इसमें ज्यादातर एंटीजन टेस्ट है। इसके अलावा सरकारी लैब में भी टेस्ट कराए गए थे।

इस मामले में हरिद्वार पुलिस ने 22 जुलाई को आशीष नल्वा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। यह हरियाणा के झज्जर का रहने वाला है। इस मामले में अगस्त माह में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 5 लैबो को निदेशको घर  और दफ्तरों पर छापा मारा था। इस दौरान टीम ने लैब में हुई कोरोना जांच घोटाले से संबंधित दस्तावेज खंगाले थे।

इनके घरों और दफ्तरों से लाखो की नगदी, लैपटॉप, फर्जी बिल आदि  टीम ने अपने  कब्जे में लिया था। ईडी ने देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार के कई इलाकों में छापेमारी की थी। इस मामले में ईडी ने उत्तराखंड पुलिस की ओर  दर्ज की गई है। मुकदमे के आधार पर यह कार्रवाई की थी। इस महा घोटाले में सीएमओ डॉक्टर शंभू कुमार झा, मेला अधिकारी डॉ. अर्जुन सेगर और नोडल अधिकारी डॉक्टर एनके त्यागी सहित कई लोगों के बयान दर्ज किए थे।

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