दिल्ली क्लासरूम निर्माण घोटाला मामले में बुधवार को ED ने बड़ा एक्शन किया। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच टीम ने कार्रवाई करते हुए बुधवार को दिल्ली के 37 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने क्लासरूम कंस्ट्रक्शन स्कैम मामले में 37 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया।क्लासरूम घोटाले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्रियों और निजी ठेकेदारों पर शिकंजा कसा जा रहा है। ईडी का ये एक्शन एंटी करप्शन ब्यूरी की एफआईआर के आधार पर हो रहा है। इस मामले में जून के महीने में ही दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एसीबी की तरफ से दूसरी बार समन भेजा गया है। इस बार उन्हें 20 जून को पेश होने के लिए कहा गया है।
क्या है क्लासरूम घोटाला?
प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कई लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को चलाया गया। यह स्कैम कथित तौर पर पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान हुआ था। ED ने 30 अप्रैल को दर्ज अपनी एफआईआर में दिल्ली सरकार पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर केस दर्ज किया है।दर्ज एफआईआर में ये आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,000 से अधिक क्लासरूम बनाने में 2,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया। आरोप लगाया गया कि एक क्लासरूम, जो करीब चार से पांच लाख रुपये में बनकर तैयार हो जाता है, उसकी लागत 25 लाख रुपये तक आई।
आरोप है कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमाने तरीके से क्लासरूम की लागत और साइज बढ़ाकर इसका फायदा लिया। दोनों पर सरकारी नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगा। क्लासरूम बनाने की लागत 24.86 लाख रुपये बताई गई, जबकि दिल्ली में इसी तरह के निर्माण की लागत 5 लाख रुपये का खर्च आता है।