हर रैली में भीड़..वोटर हैं या कैमरे का है कमाल ?

by motherland
0 comment

चुनावी चिकचिक में आपका फिर से स्वागत है। गंभीर ख़बरों को थोड़ा विराम देते हैं और सियासत को देखने का चश्मा बदल देते हैं। यहां लिखने का मकसद ना किसी का दिल दुखाना है और ना किसी को दुश्मन या दोस्त बनाना है। चलिए शुरू करते हैं आज उस प्रसंग पर चर्चा जो नेताओं के आत्मविश्वास को बढ़ा देती है, सीना चौड़ा हो जाता है। ये और कुछ नहीं चुनावी सभा में जुटी भीड़ है।

आजकल हर रैली में भीड़ दिखाई जाती है। दिखाई जाती है इसलिए लिखा क्योंकि कैमरा अक्सर खाली मैदान का बायकॉट कर देता है। वहीं देख पाता है जहां भीड़ होती है, नेता जी का मुखौटा पहने कार्यकर्त्ता होते हैं, नाचते झूमते समर्थक होते हैं। ऐसा लगता है जैसे चुनाव का फैसला रैली में ही हो गया है। कैमरे की तरफ से निश्चिंत नेता जी भी जमकर दहाड़ते हैं। सोशल मीडिया पर फोटो की बाढ़ आ जाती है। दावा शुरू हो जाता है की इतनी बड़ी रैली उस इलाके में आजतक नहीं हुई है।

Photo Credit – Google

पहले पत्रकार फोटो खींचते और अख़बारों में छपती थी। लेकिन अब जमाना बदल गया है।कुछ मीडिया वाले तो इस इंतज़ार में रहते हैं की कब नेता जी फोटो डालेंगे और वो उस खबर को छापकर उन्हें सूचित करेंगे।ध्यान रहे ऐसा ज़्यादातर नहीं करते हैं. बात फोटो की करें तो अब उसके प्रकार बदलने लगे हैं. कई तरह के कैमरे एक दूसरे से खुद को बेहतर साबित करने का युद्ध करने लगे हैं।

हेलीकाप्टर से हाई रेसोलुशन कैमरे से आया शॉट तो बस दीवाना बना ही देता है। कैमरे के ज़ूम करने की क्षमता लगातार बढ़ रही है, और इत्तेफ़ाक़ देखिये रैलियों में दिखती भीड़ भी बढ़ रही है। ड्रोन कैमरे ने जिस तेज़ी से सियासत में घुसपैठ की है उतना तो सालों से काम कर रहे नेता भी नहीं कर पा रहे हैं । कमाल के शॉट्स आते हैं. आसमान में कैमरे की उड़ान ने नेताओं की उमीदों की उड़ान को और बढ़ा दिया है।

Photo Credit -Google

वैसे मेरा पसंदीदा शॉट्स है दक्षिण भारत का चुनाव प्रचार। किसी एक्टर से ज़्यादा ग्रैंड एंट्री नेताओं कि होती है।नहीं भरोसा हो तो वहां तमिलनाडु कि पार्टियों का सोशल मीडिया अकाउंट चेक कर लीजिये। मज़ा आ जाएगा देखकर।

चलिए आज कि चुनावी चिकचिक को समाप्त करते हैं। फिर मिलेंगे। पसंद आये  तो शेयर कर दीजिये। ज़्यादा लोगों को अच्छी बातें पढ़ने से ना रोकें। नमस्कार

About Post Author