प्रयागराज से वाराणसी तक बाढ़ ने मचाई तबाही, गंगा-यमुना ने लाखों लोगों की किया बर्बाद, हजारों घर डूबे

by Sachin Singh Rathore
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उत्तर प्रदेश की धर्म नगरी प्रयागराज से लेकर वाराणसी तक बाढ़ ने तबाही मचा दी है। गंगा और यमुना नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गई है।

गंगा और यमुना नदी ने लाखों लोगों को बर्बाद कर दिया है। करीब 35 हजार मकान इस बाढ़ की चपेट में आकर पूरी तरह डूब गए हैं। यहां के लोग सरकार पर निगाहें बना रखे हैं। बस इस बात का इंतजार है कि कब उनको ज्यादा से ज्यादा मदद मिलेगी।

पूरे पूर्वांचल में इस समय तबाही आ गई है। 24 घंटे बारिश के साथ यमुना और गंगा का जलस्तर भी बढ़ता जा रहा है। 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जल स्तर बढ़ता जा रहा है। प्रयागराज से लेकर वाराणसी तक लाखों लोग तबाह हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल से लेकर बुलंदखंड तक चारों तरफ पानी भरा हुआ है। पहली मंजिल तो गंगा और यमुना नदी की चपेट में आ गई है। अब लोग घरों की छत पर डेरा डालकर बैठे हैं। ना तो पीने का पानी है और ना ही बिजली हैं। लोग कई दिनों से अपने घरों की छत पर रहने के लिए मजबूर है।

प्रयागराज और वाराणसी के सबसे कीमती स्थानों पर भी सड़क का नामोनिशान मिट गया है। गली, मोहल्ले और घरों के बाहर नांव चल रही है। एनडीआरएफ और अन्य टीम लगातार गंगा और यमुना नदी में गस्त है। सरकार ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। गंगा नदी खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर से ऊपर और यमुना नदी खतरे के निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर है।

इन इलाकों का ज्यादा बुरा हाल

गंगा और यमुना में बाढ़ की वजह से छोटा बघाड़ा, ढरहरिया, गोविंदपुर से लेकर कैलाशपुरी तक कछारी इलाका, सलोरी, मेंहदौरी, राजापुर, बेली कछार, गंगानगर, राजापुर, अशोक नगर में नेवादा, मऊ सरैया, पत्रकार कालोनी का निचला हिस्सा, बलुआघाट, गऊघाट में बांध के समीप, दारागंज, सदियापुर, करैलाबाग, करेली में हड्डी गोदाम, गौसनगर, कालिंदीपुरम क्षेत्रों तक करीब 25 से 30 हजार मकान डूब गए हैं।

इस तबाही और बाढ़ के कारण हजारों लोग भूखे मर रहे है। लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है। रोजाना कमाने और खाने वाले लोगों का सहारा कोई नहीं है। ऐसे में सिर्फ सरकार से ही मदद की आस लगाएं हुए है। बारिश के कारण लोग बीमार हो गए है। लेकिन कोई इलाज नहीं मिल पा रहा है।

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