इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के ख़िलाफ़ कथित भड़काऊ भाषण से जुड़े मामले में शरजील इमाम को ज़मानत दे दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह ने शनिवार को इमाम को ज़मानत दी जिसपर विस्तृत आदेश अभी जारी होना बाकी है।
जेएनयू के पूर्व छात्र और शाहीन बाग़ विरोध के प्रमुख आयोजकों में से एक शरजील इमाम को पिछले साल बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था। इमाम ने अपने भाषण में कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों से भारत से अलग होने को कहा था।
मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने भी जेएनयू के छात्र के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की थी। हालांकि, कार्यकर्ता को असम और अरुणाचल प्रदेश में ज़मानत मिल गई है।
उसके ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में एफ़आईआर दर्ज की गई थी। इसमें अलीगढ़ ज़िला और दिल्ली पुलिस द्वारा जनवरी 2020 में आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय के आधार पर शत्रुता या शत्रुता की भावनाओं को बढ़ावा देने का प्रयास), 153B (शांति भंग करने वाले बयान देना) और 505 (2) शामिल है।
शरजील ईमान फ़िलहाल में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।