2014 में दर्ज किए गए मामले के अनुसार, नोएडा के चौड़ा गांव निवासी धर्मवीर सिंह के मकान में रामनिवास नामक व्यक्ति किराए पर रहता था, जिसकी उम्र करीब 58 साल की थी। रामनिवास मेरठ के रहने वाले था और उसके साथ नोएडा के चौड़ा गांव में किराए के मकान में एक महिला रहती थी। जिसको वो अपनी पत्नी बताता था। लेकिन असल में दोनों की शादी नहीं हुई थी, बल्कि दोनों दोस्त रहे और लिव-इन-रिलेशनशिप में रहते थे।
21 अप्रैल 2014 को मकान मालिक धर्मवीर का भतीजा महेंद्र किराया लेने पहुंचा तो वहां देखा कि कमरे में एक महिला का शव पड़ा हुआ है। महिला की लाश पलंग पर पड़ी थी। जिसको रामनिवास अपनी पत्नी बताता है। लेकिन वहां रामनिवास नहीं था। महेंद्र ने मकान मालिक धर्मवीर को तुरंत यह जानकारी दी। पुलिस ने काफी तलाश करने के बाद रामनिवास को गिरफ्तार कर लिया है।
गौतम बुद्ध नगर कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। अब कोर्ट ने इस मामले में 8 सालों बाद अंतिम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने रामनिवास को उम्रकैद की सजा और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। पीड़िता को 8 सालों बाद न्याय मिला है। बड़ी बात यह है कि, दोनों की शादी नहीं हुई थी। लेकिन फिर भी दोनों ने अपने आपको पति-पत्नी बताया हुआ था। हालांकि, वारदात के बाद इस मामले का खुलासा हुआ।