आज यूक्रेन में रूस की सेना की अराजकता का मंजर पूरी दुनिया देख रही हैं. कई देश कूटनीतिक दायरे में रहकर यूक्रेन की मदद कर रहे हैं तो कई देश रूस की अराजकता का खुला विरोध भी कर रहे हैं. प्रेसिडेंट वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की भी दुनिया के अलग-अलग देशों से मदद मांग रहे हैं. ऐसे में फ्रांस, अमेरिका और जर्मनी ने यूक्रेन को लड़ने की शक्ति बढ़ाने के लिए आर्थिक और सैन्य मदद देने की पहल की है.
‘रूस की हमलवार सेना के खिलाफ बचाव में यूक्रेन की मदद करेंगे’
जर्मनी की सैन्य मदद की जानकारी खुद जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ ने एक ट्वीट के माध्यम से दी.
ओलाफ़ स्कोल्ज़ ट्वीट में कहते हैं कि ‘रूसी हमला एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम यूक्रेन को पुतिन की हमलावर सेना के खिलाफ बचाव में मदद करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे। इसलिए हम यूक्रेन में अपने दोस्तों को 1000 टैंक रोधी हथियारों और 500 स्टिंगर मिसाइलों की आपूर्ति कर रहे हैं।’
इस खबर की पुष्टि खुद यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने एक ट्वीट के माध्यम से की जिसमें जर्मनी का शुक्रिया जताते हुए मदद मिलने की बात स्वीकारी है.
अमेरिका ने 35 करोड़ डॉलर ने सैन्य सहायता की घोषणा की
अमेरिका के रक्षा विभाग पहले भी यूक्रेन की आर्थिक रुप से मदद करता रहा है. इस बार भी पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा 35 करोड़ की सैन्य सहायता के जरिए जैवलिन टैंक रोधी हथियार, छोटे हथियार, गोला बारूद सहित अन्य अहम सैन्य उपकरणों को यूक्रेन को सौंपा जाएगा.इसके अलावा विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन पहले ही बाइडेन द्वारा यूक्रेन मदद की पुष्टि कर चुके हैं.
लेखक: गौरव मिश्र