ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वीवो कंपनी पर लगाया 52 हजार रुपए का जुर्माना, कूड़े का निस्तारण नहीं करने पर हुई कार्रवाई

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कूड़े का निस्तारण न करने पर वीवो कंपनी पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 52,500 रुपये का जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण की टीम ने चेतावनी दी है कि अगर कूड़े  का उचित प्रबंधन नहीं किया गया तो जुर्माने की रकम दोगुनी कर दी जाएगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से शहर को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों को जागरूकर करने के साथ ही नियम तोड़ने वालों  पर कार्रवाई भी की जा रही है। प्राधिकरण के डीजीएम सलिल यादव (जन स्वास्थ्य) के निर्देश पर मंगलवार को सहायक प्रबंधक वैभव नागर के नेतृत्व में टीम ने टेकजोन स्थित वीवो कंपनी की साइट पर जाकर जांच की।

जांच में पाया गया कि कूड़े का उचित प्रबंधन नहीं मिला। इधर-उधर कूड़ा फेंका हुआ था। हर तरह का कूड़ा मिक्स था। उसे सेग्रिगेट नहीं किया जा रहा था और न ही कूड़े को सही तरीके से निस्तारित किया जा रहा था। इस पर प्राधिकरण टीम ने वीवो कंपनी पर 52,500 रुपये का जुर्माना लगा दिया। जुर्माने की रकम एक सप्ताह में जमा कराने को कहा गया है। इस अवधि में न जमा करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

11 माह में 179 पर 59 लाख का जुर्माना

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 15 सितंबर 2020 से 11 अगस्त 2021 के बीच 179 बल्क वेस्ट जनरेटरों पर 59.14 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ये संस्थान कूड़े का ‍वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारण नहीं कर रहे थे। कुछ संस्थानों ने जुर्माने की रकम जमा नहीं की है। प्राधिकरण ने उन संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

ग्रेटर नोएडा के सभी बड़े संस्थानों को खुद से कूड़े का निस्तारण करना होता है, सिर्फ अवशेष कूड़ा ही प्राधिकरण उठाता है। उसके लिए तय शुल्क जमा करना पड़ता है। बता दें कि 100 किलोग्राम या उससे अधिक कूड़ा जनरेट करने वाले संस्थान  को बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में रखा गया है।

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