यूक्रेन ने यूके की संसद में रखा अपना पक्ष, जाने जेलेंस्की ने ब्रिटेन की संसद में क्या कहा?

by MLP DESK
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दुनियाभर में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अपने भाषणों के ज़रिए सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं. इसी कड़ी में ब्रिटेन की संसद में दिए गए उनके संबोधन की खूब चर्चा हो रही है. इससे पहले जेलेंस्की अमेरिकी की संसद और कई वैश्विक मंचो से यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे संघर्ष पर बात कर चुके हैं. यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई से भले ही रूस ने झुकने से मना कर दिया है लेकिन दुनिया जानती है कि रूस के सामने यूक्रेन किस स्तर तक टिका रहा सकता है.

Reuters

 

“अब सवाल हमारे होने या ना होने का है”

वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने जोरदार भाषण के दौरान कई बार कई पुरानी घटनाओं की याद दिलाई और लोकप्रिय वक्तव्यों का भी सहारा लिया.जेलेंस्की ने ब्रिस्टिन चर्चिल का पॉपुलर वाक्य कोई दोहराते हुए कहा है,”हम हार नहीं मानेंगे. हम अंत तक लड़ेंगे, समुद्र में, हवा में लड़ेंगे. हम अपनी जमीन के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे कुछ भी हो, जंगलों में, खेतों में, तटों पर, गलियों में…”
इसके अलावा जेलेंस्की ने विलियम शेक्सपियर के वाक्य को दोहराते हुए कहा, “अब सवाल हमारे होने या न होने का है. अब मैं आपको एक निश्चित उत्तर दे सकता हूं: हां, होना है.”

जेलेंस्की ने रूस को “आतंकवादी देश” घोषित करने की अपील की

जेलेंस्की ने यूके के संसद के समक्ष रूस को “आतंकवादी देश” घोषित करने के साथ सख्त से सख्त प्रतिबंध लगाने की अपील की.जेलेंस्की ने अपने ऐतिहासिक संबोधन में कहा, ‘रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ाएं और कृपया इस देश को एक आतंकवादी देश घोषित करें. साथ ही सुनिश्चित करें कि हमारे यूक्रेन का एयर स्पेस सुरक्षित रहे.’
संबोधन के अंत में जेलेंस्की ने यूके और पश्चिमी देशों के सहयोग के लिए बोरिस जॉनसन का शुक्रिया अदा किया.जेलेंस्की ने कहा, ‘हम पश्चिमी देशों की सहायता के लिए आपकी मदद चाहते हैं.हम इस मदद के लिए आभारी हैं और बोरिस, मैं आपका आभारी हूं.’

 

बोरिस जॉनसन ने जेलेंस्की के भाषण को प्रभावशाली बताया

यूक्रेन के राष्ट्रपति का यूके की संसद में भाषण किसी भी विदेशी नेता का पहला वर्चुअल संबोधन है. ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने जेलेंस्की के भाषण को प्रभावशाली बताते हुए कहा, “हमारे लोकतंत्र की सदियों में पहले कभी भी सदन ने इस तरह के भाषण को नहीं सुना. उन्होंने इस सदन में सभी के दिलों को प्रभावित किया है.”
इसके अलावा ब्रिटेन ने यूक्रेन के समक्ष पश्चिमी देशों की रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की प्रतिबद्धता को दोहराया.

लेखक: गौरव मिश्र

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