हाइकोर्ट ने कहा – दिल्ली दंगा केस में पुलिस ने आरोपियों का किया बचाव, हाईकोर्ट ने ठोका दिल्ली पुलिस पर जुर्माना

by Sachin Singh Rathore
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पिछले साल उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

घोंडा निवासी की अपील पर हाईकोर्ट ने पुलिस को केस दर्ज करने को कहा था लेकिन दिल्ली पुलिस ने FIR रजिस्टर करने के आदेश का विरोध किया था। बता दें कि मोहम्मद नासिर ने कोर्ट में कहा था कि दंगों के दौरान उसकी आंख में गोली लगी थी।

अफसरों ने नहीं निभाया अपना कर्तव्य – हाइकोर्ट

बुधवार को दिल्ली दंगो को लेकर दिल्ली पुलिस पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा, “ऐसा दिख रहा है कि पुलिस ने अलग FIR में आरोपियों के बचने के लिए रास्ता बनाया और यह दुख की बात है कि पुलिस अधिकारी अपनी जांच के दौरान संवैधानिक कर्तव्य निभाने में फेल हो गए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पूरा मामला देखने के बाद ऐसा लगता है कि पुलिस ही आरोपियों को बचा रही है।

कोर्ट ने गिनाई पुलिस की खामियां

हाईकोर्ट ने कहा कि गोली लगने 7 लोग घायल हुए उसके बारे में जांच एजेंसी के पास जानकारी थी फिर भी FIR दर्ज करते समय IPC की धारा 307 और आर्स एक्ट की धारा 25 नहीं लगाई गई। वहीं दूसरी तरफ ASJ विनोद यादव ने अपने आदेश में कहा कि नासिर के साथ घटना 24 फरवरी की शाम को उत्तरी घोंडा में हुई थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने FIR 25 फरवरी को मोहनपुर, मौजपुर के संबंध में दर्ज की।

क्या था मामला ?

दरअसल, दिल्ली दंगों के दौरान मोहम्मद नासिर को 24 फरवरी 2020 को आंख में गोली लगी थी। मोहम्मद नासिर ने 19 अप्रैल 2020 को अपने पड़ोस के 6 लोगों (नरेश त्यागी,सुभाष त्यागी,उत्तम त्यागी, सुशील और नरेश गौर) के ख़िलाफ़ उन्हें गोली मारने की शिक़ायत दर्ज़ कराई थी लेकिन दिल्ली पुलिस ने बिना जांच किए नासिर की शिकायत को दूसरी FIR में जोड़ दिया, जिससे इनका कुछ लेना देना नहीं था। यह आरोप मोहम्मद नासिर ने दिल्ली पुलिस पर लगाया था।

बता दें कि CAA के विरोध-प्रदर्शनों के बीच उत्तर-पूर्व दिल्लीमें पिछले साल 24 फरवरी को दंगे भड़के थे। इसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।

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