भारत-पाकिस्तान युद्ध कारण पूरे देश में तनाव का माहौल है। भारत ने पाकिस्तान के कई हमलों को नाकाम कर दिया है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई विमान मार गिराएं है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही पिछले तीन दिनों से दोनों देशों के बीच लगातार गोलाबरी हो रही है। इसी बीच, गृह मंत्रालय ने राज्यों को उनके आपातकालीन शक्तियों के प्रयोग के निर्देश जारी किए है। गृह मंत्रालय ने कहा कि सिविल डिफेंस रूल्स के तहत इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि शाह ने भारत एवं पाकिस्तान की सीमा पर सुरक्षा संबंधी स्थिति की समीक्षा करने के अलावा देशभर के हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों का भी जायजा लिया। सीमा सुरक्षा बल भारत-पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा करता है तथा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) देश के हवाई अड्डों, मेट्रो नेटवर्क और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है। शाह के साथ बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और बीएसएफ, सीआईएसएफ एवं नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक शामिल हुए।
बता दें की युद्धकाल में आपतकालीन शक्तियों के रूप में राज्यों के पास अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ विशेष शक्तियां होती है। जिसका प्रयोग राज्य सरकार देश में बाहरी संकट के समय करती है। इस शक्ति का उपयोग करके सरकारे संटक की स्थिति में टेरिटोरियल आर्मी के जवानों बुला सकती है ताकि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जा सके।
युद्ध की स्थिति में राज्यों के पास भी कई अधिकार होते है। राज्य अपनी सुविधा अनुसार ब्लैक आउट कर सकता है। ब्लैक आउट का अर्थ होता है। पुरे राज्य में अंधेरा करना ताकि दुश्मन को हमारे रिहायशी इलाकों की जानकारी न हो। वहीं, किसी भी सभा या जन संग्रह वाले कार्यक्रमों पर रोक लगा सकता है। ऐसी कोई भी परिस्थिति जो सरकार को संदिग्ध लगती है। उसपर कार्रवाई की जा सकती है।