रूस-यूक्रेन संकट पर पहली बार ऐसा मौका आया है जब भारत और पाकिस्तान एक साथ आए हैं. ऐसा मौका यूएनजीए की आपात बैठक के दौरान वेटिंग में आया जब भारत के अलावा पाकिस्तान ने भी वोटिंग ना करने की लाइन का अनुसरण करते हुए वोटिंग से दूरी बनाए रखी.

Modi and Imran Khan
ऐसे करने वाले देशों में भारत और पाकिस्तान के अलावा चीन, बांग्लादेश और श्रीलंका भी शामिल हैं.
यूएन आमसभा में यूएई ने पाला बदला
यूएनजीसी की आपात बैठक में 193 सदस्य देश शामिल हैं. यूएनजीसी के विशेष सत्र में 141 देशों ने खिलाफ़ वोटिंग की और 5 देशों ने समर्थन में वोटिंग की, समर्थन वाले 5 देशों में एक रूस भी शामिल है. इसके अलावा 35 देशों ने वोटिंग से किनारा कर लिया.
इस बार यूएई ने पहले के दो बार किए तरह वोटिंग से दूरी नहीं बल्कि वोटिंग में हिस्सा लिया.
यूएनजीए के दो दिनों के विशेष सत्र में 120 देशों ने चर्चा में भी अपनी भागीदारी की. इसके पहले यूएनजीसी में रूस के खिलाफ़ निंदा प्रस्ताव में भारत, चीन और यूएई ने वोटिंग से किनारा किया था. इसके साथ ही वोटिंग में रूस के वीटो से प्रस्ताव पास नहीं किया जा सका था. रूस के खिलाफ़ निंदा प्रस्ताव यूएनजीसी में पारित नहीं होने और रूस के वीटो पॉवर के इस्तेमाल के मद्देनजर इसको यूएनजीए यानी संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में लाया गया.