संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फ़ंड (RDIF) पर लगाए गए प्रतिबंधों, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पुतनिक-V की मार्केटिंग करता है, ने भारत में कोविड -19 वैक्सीन के निर्माण पर चिंता जताई है, जो रूस के बाद जैब का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
इसके अलावा, यूक्रेन पर हमला करने के लिए कड़े प्रतिबंध लगाने की कड़ी में कुछ रूसी बैंकों की SWIFT इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम के इस्तेमाल को बैन करने से भी चिंता बढ़ गई है।
ग़ौरतलब है कि CNBC-TV18 ने उद्योग के सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत में कोविड -19 टीकों के निर्माण और निर्यात से भी समझौता हो रहा है। यह भी कहा गया है कि यह प्रतिबंध हटाने का इन्वेंट्री इंतज़ार कर रही है लेकिन मांग की कमी के कारण उत्पादन नहीं होगा।
सूत्रों ने कहा कि स्पुतनिक-V के संबंध में किसी से कोई संवाद नहीं हुआ है। स्पुतनिक-V को 4 अरब से अधिक लोगों की कुल आबादी वाले 71 देशों में अधिकृत किया गया है। बता दें कि RDIF रूस का सॉवरेन वेल्थ फंड है जिसकी स्थापना प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय और रणनीतिक निवेशकों के साथ मुख्य रूप से रूस में, 2011 में इक्विटी सह-निवेश करने के लिए की गई थी।
फंड ने एक बयान में कहा है कि वह किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं है और लगाए गए प्रतिबंधों से स्पुतनिक-V की आपूर्ति और प्रोडक्शन मुश्किल हो सकता है।
रूस के क़रीबी सहयोगी चीन ने सोमवार को कहा कि वह अवैध एकतरफ़ा प्रतिबंधों का विरोध करता है और मॉस्को के साथ सामान्य व्यापार सहयोग करना जारी रखेगा, क्योंकि अमेरिका, यूरोपीय संघ और उनके सहयोगियों ने इंटरबैंक मैसेजिंग सहित रूस के ख़िलाफ़ दंडात्मक कदम उठाए हैं।