कनाडा के तीन कॉलेजों ने भारत के 2 हज़ार छात्रों को कैसे ठग लिया?

by Disha
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ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को 2,000 से अधिक भारतीय छात्रों के लिए एक सलाह जारी की है, जो पिछले महीने तीन मॉन्ट्रियल कॉलेजों के दिवालिया होने की घोषणा के बाद बंद हो गए थे।

 

 

सीसीएसक्यू कॉलेज, एम कॉलेज और सीडीई कॉलेज ने बंद होने से पहले इन छात्रों से ट्यूशन फ़ीस के नाम पर लाखों डॉलर जुटाए गए थे। यह तीनों कॉलेज एक ही ऐडमिशन फ़र्म, राइजिंग फीनिक्स इंटरनेशनल (आरपीआई) INC द्वारा चलाए जा रहे थे।

वो छात्र, जिनमें से कई अलग-अलग शहरों में अपने दोस्तों का रिश्तेदारों के यहाँ रहने चले गए हैं, वे कहते हैं कि उनके साथ घोटाला हुआ है।

इससे प्रभावित कुछ छात्रों और उनके समर्थकों ने न्याय के लिए नारे लगाए और अपनी दुर्दशा को सबके सामने लाने के लिए रैलियां भी कीं।

जैसे-जैसे चिंता बढ़ रही है, प्रभावित छात्रों ने ओटावा में भारतीय उच्चायोग से हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि उन्हें अन्य कॉलेजों से अपना कोर्स पूरा करने में मदद मिल सके।

भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को जारी एक एडवाइजरी में कहा, “तीन संस्थानों में नामांकित भारत के कई छात्रों ने उच्चायोग से संपर्क किया है।”

आयोग के सलाहकार ने छात्रों को आश्वासन देते हुए कहा कि ‘अगर इस घटना के बाद उन्हें अपनी फीस वापसी या शुल्क के ट्रांसफर होने में कोई कठिनाई होती है, तो वे उच्च शिक्षा मंत्रालय, क्यूबेक सरकार के साथ शिक़ायत दर्ज कर सकते हैं।”

आयोग ने भारत के छात्रों से यह भी आग्रह किया कि जब वे कनाडा में उच्च अध्ययन(higher education) के लिए आवेदन कर रहे हों, तो उनकी साख और संस्था की स्थिति के लिए पूरी तरह से जाँच करें।

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