कोरोना की दूसरी लहर पहले के मुकाबले काफी खतरनाक दिखाई पड़ रही है। ये वायरस एक दूसरे में बहुत तेज़ी से पहुँच रहा है। कोरोना वैक्सीन लेने के बावजूद लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन बात करें हल्के मामलों की तो मरीज इसे घर पर क्वारंटाइन होकर होम ट्रीटमेंट लेकर इससे ठीक हो सकता है।
होम क्वारंटाइन के क्या नियम हैं
होम क्वारंटाइन के लिए मरीज को एक खुला वातावरण और अलग कमरा होना चाहिये, मरीज के लिए अलग टॉयलेट हो जिससे दूसरे को संक्रमण न हो सके। अगर गंभीर लक्षण नहीं है तभी कोरोना के मरीज को होम आइसोलेशन में रखना चाहिए।
होम आइसोलेशन में मरीज को क्या करना चाहिए
मरीज के कमरे का वातावरण खुले माहौल जैसा होना चाहिए जिससे शुद्ध हवा मिलती रही, कोरोना मरीज को परमानेंट मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए, समय समय पर हाथों को धोना चाहिए। चेहरे को छूने से बचना चाहिए। मरीज को दिन 2 बार बुखार की जांच करनी चाहिए अगर 100 फारेनहाइट से ज़्यादा हो तो अस्पताल में चेक कराना चाहिए।
क्या खाएं, क्या न खाएं
कोरोना मरीज को फल में मौसमी, संतरा सब्जी में ताज़ी और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीना चाहिए और दूध का सेवन करना चाहिए।
कोरोना मरीज को तली भुनी हुई चीज़ों से परहेज करना चाहिए क्योंकि इनका सेवन करने से इम्युनिटी में कमी आती है। सप्ताह में 3-4 बार से ज़्यादा नॉनवेज नहीं खाना चाहिए।
होम क्वारंटाइन की सीमा
वैसे होम आइसोलेशन 14 का होता है लेकिन अगर मरीज को पिछले 10 दिनों से बुखार या कोरोना के लक्षण नहीं मिलते हैं तो डॉक्टर की सलाह से इसे खत्म कर सकते हैं।
होम आइसोलेशन में कुछ बातों का रखे ध्यान
कोरोना मरीज को अगर बुखार के अलावा सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द, चेहरा नीला पड़ जाने पर तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।