बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि उम्मीद है कि जाति जनगणना पर राज्य के सभी राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति होगी और इसे कराने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
पत्रकारों से बात करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा, ‘हमारा विचार है कि जाति जनगणना पूरे देश में की जानी चाहिए। इससे पहले भी 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से मुलाक़ात की थी ताकि उनपर जाति जनगणना के लिए दबाव डाला जा सके। कुछ ही दिनों में, राज्य के संदर्भ में जाति जनगणना के लिए बिहार की सभी पार्टियां इसका संचालन पर काम करेंगी और मुझे उम्मीद है कि सभी दलों के बीच सहमति बन जाएगी।”
नीति आयोग के एक अध्ययन पर बोलते हुए उन्होंने ज़िला अस्पतालों के प्रदर्शन में बेस्ट प्रैक्टिस – प्रति लाख जनसंख्या पर बिस्तरों की संख्या – का उल्लेख किया, जिसके अनुसार बिहार में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर केवल छह बिस्तर हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि देश के सबसे अमीर राज्य की तुलना सबसे ग़रीब से नहीं कि जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “क्या महाराष्ट्र की तुलना बिहार से करना सही है? महाराष्ट्र देश का सबसे अमीर राज्य है जबकि बिहार सबसे ग़रीब राज्य है।”
उन्होंने आगे कहा, “नीति आयोग को राज्यों की वित्तीय स्थिति के आधार पर एक अध्ययन करना चाहिए। ग़रीब राज्यों और अमीर राज्यों के लिए अलग-अलग अध्ययन होना चाहिए। नीति आयोग का आकलन सही नहीं है। जब भी कोई औपचारिक बैठक होगी, नीति आयोग के साथ बैठक कर मैं इस मुद्दे को उनके साथ उठाऊंगा।”