नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने केंद्र सरकार से तालिबान के मद्देनज़र अपना रुख़ स्पष्ट करने की माँग की है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अब्दुल्लाह ने मोदी सरकार से पूछा, “तालिबान या तो आतंकी संगठन है या नहीं है। कृपया स्पष्ट करें कि आप उन्हें कैसे देखते हैं। यदि वो आतंकी समूह हैं तो आप उनसे क्यों बात कर रहे हैं?”
उन्होंने आगे कहा, “और अगर आप ऐसा नहीं मानते तो क्या आप संयुक्त राष्ट्र जाकर कहेंगे कि उन्हें आतंकी संगठनों की लिस्ट से निकाल दिया जाए।”
दरअसल उमर अब्दुल्ला की ये टिप्पणी भारत और तालिबान के बीच पहली आधिकारिक मुलाक़ात पुष्टि के बाद आई है।
बता दें कि बीते दिन भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद
अब्बास स्तनिकज़ई के साथ क़तर में मुलक़ात की थी।
इस बाबत भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये मुलाक़ात “तालिबान के आग्रह पर हुई” जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि अफ़ग़ानिस्तान में फँसे भारतियों की वापसी का हल कैसे निकलेगा।