पिछले एक वर्ष में बारह हाथियों की मौत रेल से टक्कर लगने के कारण हुई है। यह जानकारी नोएडा के समाजसेवी श्री रंजन तोमर को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा एक आरटीआई के जवाब में दी गई।
समाजसेवी रंजन तोमर को भारत सरकार ने दिया जवाब
गौरतलब है की श्री तोमर ने जनवरी 2021 से अबतक की जानकारी मांगी थी। इस जानकारी के अनुसार सबसे ज़्यादा हाथियों की मौत आसाम में हुई है। जहाँ 5 हाथी रेल से एक्सीडेंट का शिकार हुए। इसके बाद ओड़िशा है, जहाँ 4 हाथियों ने इस कारण अपनी जान गँवाई। इसके बाद तमिल नाडु , झारखण्ड और कर्नाटक में एक-एक हाथी को अपनी जान गंवानी पड़ी। उत्तराखंड से जानकारी मंत्रालय को प्राप्त नहीं हो पाई। जबकी त्रिपुरा, केरल, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कोई भी हाथी एक्सीडेंट का शिकार नहीं हुआ।
इस जानकारी से पर्यावरणविद चिंतित हैं। श्री तोमर ने कहा की एक्सीडेंट से होने वाली मौतों का लगाम लगाने के और प्रयास किये जाने चाहिए। जानवरों के रेलवे ट्रैक पार करने हेतु एनिमल कॉरिडोर बनाये जाने चाहिए। रेलवे ड्राइवर को अधिक ट्रेनिंग की आवश्यकता है। हाथियों की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में ड्राइवर को जानकारी देने हेतु बोर्ड लगाए जाने चाहिए और यह भी कोशिश हो की ऐसे इलाकों में यात्री ट्रैक के समीप खाना न डालें। इसके आलावा सरकार को अन्य उपाय भी करने होंगे। हाल ही में श्री रंजन तोमर की आरटीआई से महाराष्ट्र में भूचाल आया था। जब वहां के मुख्यमंत्री को सदन में वहां बढ़ते हाथियों के शिकार के कारण जवाब देना पड़ा था।