वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि रूस-यूक्रेन संकट और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में आगामी उछाल भारत में वित्तीय स्थिरता के लिए एक चुनौती है।
सीतारमण ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि Financial stability development council (FSDC) की बैठक में दो मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें सभी वित्तीय क्षेत्र के नियामक शामिल हैं।
निर्मला सीतारमण, जो कि देश की वित्तीय राजधानी में दो दिन के दौरे पर हैं, ने कहा, “यह कहना मुश्किल है कि यह (कच्चे तेल की कीमतें) कैसे ख़त्म होगी। आज भी, एफएसडीसी में, जब हम वित्तीय स्थिरता के लिए उत्पन्न चुनौतियों को देख रहे थे, तो क्रूड ऑइल उसमें शामिल था। अंतरराष्ट्रीय चिंताजनक स्थिति, जिसको लेकर हमने अपनी आवाज़ उठाई और कहा था यूक्रेन में विकसित हो रही स्थिति के लिए एक राजनयिक समाधान चाहते हैं… अब भी बरक़रार है।”
उन्होंने कहा कि मंगलवार को क्रूड ऑइल की क़ीमत 96 डॉलर प्रति बैरल से ज़्यादा हो गई है और देश इस पर नज़र रख रहा है।
सीतारमण ने कहा, इस भू-राजनीतिक तनाव के चलते अबतक देश का व्यापार तो प्रभावित नहीं हुआ है लेकिन लेकिन सरकार इस पर कड़ी नजर रख रही है।
उन्होंने कहा कि हम सावधान हैं कि निर्यातकों को नुक़सान न हो।