पराग अग्रवाल के ट्विटर के CEO बनने के बाद अब भारत कर रहा है दुनिया के आधा दर्जन टेक कंपनियों का नेतृत्व

by MLP DESK
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पराग अग्रवाल के ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) घोषित किए जाने की ख़बर के बाद अब आधा दर्जन से ज़्यादा वैश्विक टेक कंपनियों का नेतृत्व भारतीय मूल के लोग कर रहे हैं।

 

Parag Aggarwal/twitter

 

गूगल के सुंदर पिचाई से लेकर एडोब के शांतनु नारायण, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला तक, भारतीय मूल के लोग दुनिया की सबसे प्रभावशाली कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

 

‘भारतीय CEO वायरस’!

बीते दिन यानी सोमवार को, अग्रवाल को प्रमुख अमेरिकी टेक फ़र्म के CEO के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसके बाद बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा ने इस क़दम की प्रशंसा करने से नहीं चूके और इसे “भारतीय सीईओ वायरस” क़रार दिया।

महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के अध्यक्ष ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा, ‘यह एक ऐसी महामारी है जिसपर हम भारत में पैदा होने पर ख़ुशी और गर्व महसूस कर रहे हैं। यह भारतीय सीईओ वायरस है। इसके ख़िलाफ़ कोई टीका नहीं है।’

दरअसल आनंद महिंद्रा, जो सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हैं और दिलचस्प पोस्ट के साथ अपने फ़ॉलोवेर्स का मनोरंजन करते रहते हैं, वह भारतीय मूल के व्यक्तियों पर एक ट्वीट का जवाब दे रहे थे, जो दुनिया की कुछ शीर्ष तकनीकी कंपनियों, जैसे कि Adobe, Google, Microsoft और IBM सहित अन्य का नेतृत्व कर रहे हैं।

 

Credit- Reuters

 

सोशल मीडिया दिग्गज के सह-संस्थापक जैक डोर्सी ने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर एक बयान जारी करके अपने इस्तीफ़े की पुष्टि की जिसके बाद अग्रवाल ने ट्विटर के नए प्रमुख के रूप में पदभार संभाला।

डोर्सी ने कहा कि उनके लिए ट्विटर से 16 साल के जुड़ाव के बाद पद छोड़ने का समय आ गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ट्रांज़िशन में मदद करने के लिए वह मई 2022 तक सैन फ्रांसिस्को स्थित तकनीकी फ़र्म के बोर्ड के सदस्य बने रहेंगे।

 

कौन हैं पराग अग्रवाल?

37 वर्षीय अग्रवाल एक दशक से ज़्यादा समय से टेक फ़र्म के साथ हैं और 2017 से मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (CTO) के रूप में कार्यरत हैं। ये एक ऐसी भूमिका रही जिसमें उन्होंने ब्लॉकचेन और तकनीकी रणनीति में सोशल नेटवर्क के विकास की देखरेख की।

IIT बॉम्बे के पूर्व छात्र ने स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी भी की है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या नया सीईओ, उस सोशल नेटवर्क को चला सकता है जिसने बाज़ार में ख़राब प्रदर्शन किया है और मौजूदा समय में राजनीतिक हाथापाई में फंसा हुआ है।

 

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