भारत की बिटिया ने भरी अंतरिक्ष की उड़ान, सिरिशा समेत 6 सदस्य गए थे साथ

by Sachin Singh Rathore
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आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के चिराला में जन्मीं सिरिशा बांदला न्यू मैक्सिको के स्पेस स्टेशन से अंतरिक्ष की ओर रवाना हुईं। इसी के साथ वे अंतरिक्ष का सफर करने वाली भारत में जन्मीं दूसरी महिला बन गईं।

बता दें इससे पहले हरियाणा में जन्म लेने वाली कल्पना चावला ने अंतरिक्ष की उड़ान भरी थी। इनके अलावा स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं।

ब्रैन्सन के साथ वर्जिन गैलेक्टिक के चीफ एस्ट्रोनॉट इंस्ट्रक्टर बेथ मोजेज, कंपनी के लीड ऑपरेशंस इंजीनियर कोलिन बेनेट और सरकारी मामलों और रिसर्च की वाइस प्रेसिडेंट सिरिशा बांडला भी रहेंगी।

कौन हैं सिरिशा बांदला

सिरिशा बांदला का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के चिराला में 1987 में हुआ था। उनके पिता बी मुरलीधर और मां अनुराधा अमेरिका में जॉब करते थे। वो सिरिशा को दादा-दादी के पास छोड़कर अमेरिका चले गए। बता दें जब सिरिशा जब महज 4 साल की थीं, तो उन्होंने बिना पेरेंट्स के भारत से अमेरिका के लिए रवाना हुईं थीं।

सिरिशा ने एयरोस्पेस और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में 2011 में ग्रेजुएशन किया है। सिरिशा NASA जाना चाहती थीं, लेकिन आंख में कुछ कमी की वजह से ऐसा नहीं हो सका। फिर उनके एक प्रोफेसर ने उन्हें स्पेस पॉलिसी चुनने की सलाह दी। इसमें अंतरिक्ष से जुड़ी सरकारी नीतियों का अध्ययन किया जाता है।

अंतरिक्ष में 4 मिनट तक रहेंगी


VSS यूनिटी-22 धरती से करीब 90 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगा। सिरिशा और उनके साथी एस्ट्रोनॉट करीब 4 मिनट तक अंतरिक्ष में वेटलेसनेस महसूस करेंगे। इसके बाद ये फ्लाइट पृथ्वी पर लौटेगी और स्पेसपोर्ट के रनवे पर उतरेगी।

बता दें VSS यूनिटी की यह 22वीं फ्लाइट है लेकिन वह किसी रॉकेट का हिस्सा नहीं है बल्कि कंपनी के प्लेन वीएमएस ईव (VMS Eve) पर सवार होकर स्पेसपोर्ट अमेरिका से उड़ान भरेगा। करीब 15 किमी ऊपर जाने के बाद यूनिटी स्पेसक्राफ्ट अलग होगा और उसका रॉकेट इंजिन मैक-3 (यानी 3704.4 किमी/घंटा) की रफ्तार पकड़ेगा।

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