इस्लामी गणराज्यों की परमाणु शक्ति बढ़ने की पश्चिम की चिंताओं के बीच बुधवार को ईरान के शीर्ष परमाणु वार्ताकार(negotiater) में बताया कि 2015 की न्यूक्लियर डील को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 6 विश्व शक्तियों के साथ उसकी वार्ता नवंबर के अंत तक फिर से शुरू होगी।
अली बघेरी कानी ने ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के अधिकारियों से मिलने के बाद ट्विटर पर लिखा, “सफल वार्ता के लिए आवश्यक तत्वों पर @enriquemora_ के साथ एक बहुत ही गंभीर और रचनात्मक बातचीत की। हम नवंबर के अंत से पहले बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हैं।”
उन्होंने कहा, “अगले हफ़्ते एक निश्चित तारीख़ की घोषणा की जाएगी।”
बता दें कि अप्रैल में, तेहरान और छह शक्तियों ने 2015 के परमाणु समझौते को फिर से उबारने के तरीकों पर चर्चा करनी शुरू की थी जिसे तीन साल पहले तत्कालीन यू.एस. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने छोड़ दिया था।
ट्रंप ने लगाए थे कड़े प्रतिबंध
ट्रम्प ने तब ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे, जिसकी वजह से उसके तेल निर्यात को बड़ा झटका लगा और उसकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह तबाही की कगार पर आ गई। इस बीच ईरान कई बार अमेरिका को उसपर से प्रतिबंध हटाने की बात कर चुका है।
इन सबके बीच जून में ईरान के कट्टर राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के चुनाव के बाद से बातचीत रुकी हुई है, जिनके वियना में वार्ता फिर से शुरू होने के बाद सख्त रुख अपनाने की उम्मीद की जा रही है।
रायसी, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की तरह, तेहरान और वाशिंगटन को समझौते को पूरी तरह अनुपालन में वापस लाने के उद्देश्य से परिणाम-उन्मुख वार्ता करना चाहते हैं।
ट्रम्प के दबाव के जवाब में, तेहरान ने धीरे-धीरे समृद्ध यूरेनियम के भंडार का पुनर्निर्माण करके, इसे हाई फ़िसले प्यूरिटी के लिए रिफ़ाइन करके और उत्पादन में तेज़ी लाने के लिए उन्नत सेंट्रीफ्यूज स्थापित करके समझौते का उल्लंघन किया है।
क्या इस बार बनेगी बात?
महीनों से, पश्चिमी ताकतों ने ईरान से इस वार्ता में शामिल होने का आग्रह किया है और कहा है कि अब समय ख़त्म हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि तेहरान का परमाणु कार्यक्रम, समझौते के लिए तय सीमा से काफ़ी आगे बढ़ गया है। ईरान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रॉबर्ट माली ने सोमवार को कहा कि समझौते को पुनर्जीवित करने के प्रयास “महत्वपूर्ण चरण” में हैं और ऐसा होने की आशंका बहुत कम है कि तेहरान एक बार फिर इस वार्ता से बचेगा।
वियना में 6 दौर की वार्ता के बाद, तेहरान और वाशिंगटन अभी भी इस बात पर असहमत हैं कि कौन से क़दम उठाने की ज़रूरत है और कब। इस पर भी अबतक कोई स्पष्टता नहीं है कि प्रमुख मुद्दों के साथ तेहरान किन परमाणु समझौतों को स्वीकार करेगा और वाशिंगटन किन प्रतिबंधों को हटाएगा।
‘हमारी फ्रीज़ संपत्ति जारी कर बाइडन दें अपनी सद्भावना का परिचय’
ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीरबदोल्लाहियान ने एक टेलीविजन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अमेरिका की सौदे में वापसी हमारे लिए कोई मायने नहीं रखती। महत्वपूर्ण यह है कि वार्ता का परिणाम ईरान के पक्ष में हो।”
यही नहीं उन्होंने इस माँग को भी एक बार फिर दोहराया कि ईरान की जो संपत्ति अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण फ्रीज़ हो गई है इसे दोबारा जारी किया जाए।
अमीरबदुल्लाहियन ने कहा, “उदाहरण के लिए (अमेरिकी राष्ट्रपति जो) बाइडन को ईरान की 10 बिलियन डॉलर की फ्रीज़ संपत्ति को जारी करके अपनी सद्भावना को व्यवहार में लाना होगा।”
ग़ौरतलब है कि ईरान अपने बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्रों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण, मुख्य रूप से तेल और गैस के निर्यात से विदेशी बैंकों में अपनी दसियों अरब डॉलर की संपत्ति का उपयोग करने में अबतक असमर्थ रहा है।