क्या पुतिन यूक्रेन में नो फ़्लाई जोन लागू करने को लेकर दुनिया को डरा रहे है?

by MLP DESK
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में नो फ़्लाई जोन लागू करने को लेकर दुनिया के लिए चेतावनी जारी कर दी है. रूस का कहना है कि जो भी देश यूक्रेन में एनएफजेड को लागू करेगा उसकी सीधी लडाई रूस से मानी जाएगी. न्यूज एजेंसी बीबीसी के मुताबिक बीते दिन पुतिन ने रूस की सरकारी विमान कंपनी एयरोफ़्लोट के फ्लाइंग अटेंडेंट की बैठक में एनएफजेड को लेकर कड़ा संदेश दिया है. पुतिन ने कहा कि “इस दिशा में किसी भी उठाए गए क़दम को हम मानेंगे कि वो उस देश में एक सशस्त्र विद्रोह में शामिल हो रहा है.”

क्रेमलिन व्लादिमीर पुतिन/REUTERS

ज़ेलेंस्की ने नो फ़्लाई जोन ना करने पर नेटो की आलोचना

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने नेटो की आलोचना की थी.ज़ेलेंस्की का मानना है कि नेटो का नो फ़्लाई जोन ना करना संगठन में एकता की कमी और संगठन की कमज़ोरी बताया था.
नो फ़्लाई जोन की संवेदनशीलता से पहले ही ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन और लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री ज्यां असेलबॉर्न नेटो को आगाह कर चुके हैं.
नेटो देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री ने कहा था कि”मुझे लगता है कि हमारे पैर जमीन पर ही रहने चाहिए.”

क्या है नो फ़्लाई जोन?

नो फ़्लाई जोन हवा में संवेदनशीलता और सुरक्षा का पर्याय है. नो फ़्लाई जोन ऐसे क्षेत्र को घोषित किया जाता है जो सुरक्षा की दृष्टि से प्राथमिकता हो जैसे देशों में सामान्य तौर पर देश की संसद, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास जैसी अतिमहत्पूर्ण जगहों को इसमें शामिल किया जाता है. इसके तहत वायुमार्ग को किसी भी विमानों के उड़ान भरने के लिए प्रतिबंध माना जाता है.

अगर संघर्ष क्षेत्र या युद्ध के दौरान किसी भी देश द्वारा ऐसा कदम उठाया जाता है तो अहम मुद्दा बन जाता है.नो फ़्लाई जोन घोषित करने वाला देश संबधित एयर स्पेस में निगरानी का जिम्मेदार माना जाता है. इस दौरान वायुमार्ग को किसी भी उड़ान के लिए उपयोग में लाया जाता है तो विमान को नीचे उतारने या नष्ट करने की जिम्मेदारी निगरानी करने वाले देश की होती है.

रूस-यूक्रेन संकट के दौरान संघर्ष क्षेत्र को नो फ़्लाई जोन करने वाले देश कोई सीधा मुकाबला रूस की सेना के साथ करना होगा.नेटो अगर पूरे यूक्रेन में नो फ़्लाई जोन की घोषणा करता तो नेटो के फाइटर प्लेन को वायुमार्ग की निगरानी करनी होगी. ऐसे में संबधित देश को अप्रत्यक्ष तौर पर युद्ध में एक पक्ष माना जाएगा.

लेखक: गौरव मिश्र

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