जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट : प्रशासन और पुलिस के लिए सामने आई बड़ी परेशानी, एक परिवार नहीं कर रहा जमीन खाली, जानिए कारण

by Sachin Singh Rathore
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योगी आदित्यनाथ के सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जेवर एयरपोर्ट का काम तेजी से शुरू हो गया है तो दूसरी ओर गौतम बुद्ध नगर अब जिला प्रशासन और पुलिस के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई।

जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 6 गांव के 3033 परिवारों को दूसरी जगह स्थापित किया जाने है। लेकिन इनमें से 3029 परिवार विस्थापित हो चुके हैं। परंतु 4 परिवार विस्थापित नहीं हुए हैं।

दरअसल, मामला यह है कि यहां बचे हुए लोगों में से एक परिवार के मुखिया राम कुमार का कहना है कि पहले पुलिस और प्रशासन उनके खिलाफ लिए गए सभी मुकदमों को वापस ले। उसके बाद ही बागर में जाएंगे। दरअसल बात यह है कि राम कुमार पर 2020 में एक मुकदमा दर्ज किया गया था। रामकुमार ने पुलिस और अधिकारियों पर पथराव किया था। अब रामकुमार की मांग है कि, पहले मुकदमा वापस ले फिर वह रोही गांव को छोड़कर जाएंगे।

इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। जिसमें साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि पुलिस प्रशासन और परिवार के बीच धक्का-मुक्की हो रही है। इस मामले में जिला प्रशासन और पुलिस का कहना है कि “वह अगर गांव छोड़कर नहीं गए तो वह कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे।” लेकिन परिवार का कहना है कि “वह गांव छोड़ने से मना नहीं कर रहे है। लेकिन उससे पहले उनके खिलाफ मुकदमे को वापस लिया जाए।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) का कार्य काफी तेजी से हो रहा है। अगस्त महीने में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतम बुद्ध नगर में बन रहे भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। जिला प्रशासन ने सभी गांव की जमीन का अधिग्रहण कर लिया है। जिसमें ग्राम नगला फूल खां, नगला गणेशी, नगला छीतर, नगला शरीफ खां और दयानतपुर खेडा है।

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