राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस एन वी रमना को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार सौंपने की घोषणा की।
राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने एन वी रमना के लिए वारंट जारी किया जिसमें उनके 48वें मुख्य न्यायाधीश बनने की बात कही गई है। जस्टिस रमना 24 अप्रैल को इस पद पर आसीन होंगे। उनका कार्यकाल एक साल चार महीने का होगा। आपको बता दें कि CJI एस ए बोबड़े 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं।उनके सुप्रीम में कार्यरत होने से पहले 17 फ़रवरी 2014 तक वे दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ़ जस्टिस के पद पर कार्यरत थे।
उनका जन्म 27 अगस्त, 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले के पोन्नवरम गाँव के एक कृषि परिवार में हुआ था। उन्होंने 10 फरवरी, 1983 को एक वकील के रूप में दाखिला लिया और प्रशासनिक न्यायाधिकरणों और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, श्रम, सेवा और चुनाव मामलों में अभ्यास किया। उन्होंने भी आंध्र प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी कार्य किया है।उन्हें 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
जस्टिस रमण के भारत के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किये जाने पर कई राजनीतिक नेताओं ने उन्हें बधाइयां दी।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया कि “न्यायमूर्ति नथमलपति वेंकट रमण को भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई। आपके सफल और फलदायी कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएं।”
ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट कर लिखा कि “न्यायमूर्ति एन वी रमना को भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने पर बधाई। आगे के कार्यकाल को पूरा करने के लिए उन्हें शुभकामनाएं।”