बुधवार को TMC नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा कि उनके नेता दिल्ली सरकार के मुक़ाबले केंद्र सरकार को ज़्यादा अधिकार देने वाले बिल को संसद में रोकने के लिए उड़कर दिल्ली आ रहे हैं।बता दें कि “द गवर्नमेंट ऑफ़ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ़ दिल्ली (अमेंडमेंट) बिल, 2021” को लोकसभा में पारित किया जा चुका है और अब संसद में इस बिल के पारित होने के बाद ये क़ानून की शक़्ल ले लेगा। इस बिल में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले उपराज्यपाल यानी LG को राज्य सरकार की बरअक्स ज़्यादा अधिकार मिलने की बात कही गयी है जिसके चलते हर अहम फ़ैसले के लिए दिल्ली सरकार को LG की इजाज़त लेनी होगी।
इसी कड़ी में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने इस प्रस्तावित बिल को लोकतंत्र और संविधान के सीने में चाकू की संज्ञा दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा-
“पांच राज्यों में चुनाव में सिर्फ दो दिन रह गए हैं… फिर भी तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद उड़कर दिल्ली आ रहे हैं ताकि #GNCT बिल को पारित नहीं होने दिया जाए, जिसमें दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकार छीने गए हैं… लोकतंत्र, संविधान और संसद के सीने में एक और चाकू… इससे भी बुरा यह है कि गृहमंत्री चुनाव प्रचार कर रहे हैं… क्रूर विडम्बना है…”
2 days to go for elections in 5 States.Yet Trinamool RS MPs airdash to Delhi to stop bulldozing of #GNCT Bill that disempowers an elected Delhi govt. Another knife into heart of democracy, Constitution #Parliament. Worse still Home Min electioneering not piloting Bill.Cruel irony
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) March 24, 2021
बीते मंगलवार को डेरेक ओब्रायन ने राज्यसभा सभापति एम. वैंकैया नायडू को ख़त लिखकर इस बिल को अहम बताते हुए कहा था कि चूँकि यह एक महत्वपूर्ण बिल है जिसका प्रभाव समूचे देश पर पड़ेगा इसलिए इसे जल्दीबाज़ी में पारित किया जाना ‘न्याय की निष्फलता’ होगी। साथ ही उन्होंने चुनाव तक इसपर चर्चा न करने का आग्रह भी किया था। ख़त में उन्होंने लिखा- “संसद के प्रत्येक सदस्य को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाना चाहिए, जब सदन में इस बिल पर चर्चा हो… सदस्यों को इस अवसर से वंचित करना उत्तरादायी शासन के सिद्धांत के विरुद्ध होगा…”
यह बिल अपने अस्तित्व में आते ही विवादों में घिरा रहा है। इसे केजरीवाल सरकार पर गहरे झटके की तरह देखा जा रहा है। इस बिल का विरोध करते हुए केजरीवाल एक लंबे अरसे बाद “जंतर मंतर” मैदान में प्रदर्शन करते नज़र आये।

अब जहाँ एक ओर लोग इस बिल को लोकतंत्र पर प्रहार बताकर केंद्र सरकार की भर्त्सना कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कश्मीर के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन करने वाले केजरीवाल लोगों के व्यंग्य का निशाना बनते भी नज़र आ रहे हैं।
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